कौन हैं मीडिया टायकून जिम्मी लाई, जिन्हें चीन ने 3 साल से कैद रखा है? क्यों इतना डरता है

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(www.arya-tv.com) हांगकांग (Hong Kong) में लोकतंत्र समर्थक मीडिया बिजनेसमैन जिम्मी लाई (Jimmy Lai) का ट्रायल शुरू हो गया. 75 साल के जिम्मी लाई दिसंबर 2020 से जेल में हैं. चीन ने उन पर विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया है और विवादित नेशनल सिक्योरिटी लॉ के तहत गिरफ्तार किया है. चीन इस कानून का उपयोग, कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों को कुचलने के लिए करता रहा है. लाई के वकीलों की दलील है कि उनपर अभियोजन की समय सीमा बीतने के बाद विवादित कानून लगाया गया था, ऐसे में यह अवैध है.

3 महीने तक 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती
जिम्मी लाई के ट्रायल के वक्त कोर्ट के बाहर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती रही. साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अनुमान है कि लाई का ट्रायल करीब 3 महीने चल सकता है. इस दौरान कोर्ट के बाहर 24 घंटे 1000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. बता दें कि चीन ने साल 2020 में हांगकांग में बड़े पैमाने पर लोकतंत्र समर्थकों के प्रोटेस्ट के बाद नेशनल सिक्योरिटी लॉ बनाया था. कहा था कि यह कानून प्रदर्शन रोकने के लिए जरूरी था.

जिम्मी लाई इकलौते शख़्स नहीं हैं, जिन्हें चीन ने इस विवादित कानून के तहत जेल में ठूंस रखा है. करीब 200 एक्टिविस्ट, शिक्षाविद और लोकतंत्र समर्थक इस कानून के तहत जेल के अंदर हैं.

कौन हैं जिम्मी लाई, जिन्हें चीन कहता है गद्दार?
जिम्मी लाई हांगकांग के अरबपति बिजनेसमैन हैं और कई मीडिया संस्थानों के मालिक हैं. वह 12 साल की उम्र में चीन से आकर हांगकांग बस गए थे और चीन के कट्टर विरोधी हैं और हांगकांग में लोकतंत्र की वकालत करते रहे हैं. यही कारण है कि हांगकांग के लोग उन्हें नायक तो चीन गद्दार मानता है.

साल 1989 में जब चीन ने तियानमन चौक पर लोकतंत्र समर्थकों को टैंक से कुचला था, तब जिम्मी लाई का एक आर्टिकल खासा मशहूर हुआ था. इसमें उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट सरकार की तीखी आलोचना की थी. यहीं से चीन उन्हें अपना कट्टर दुश्मन मानने लगा है.

चीन ने क्या आरोप लगाए हैं?
डिजिटल मैगजीन ‘नेक्स्ट’ और ‘एप्पल डेली’ अखबार चलाने वाले जिम्मी लाई पर चीन का आरोप है कि उन्होंने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर चीनी सरकार के खिलाफ साजिश रची. अगर जिम्मी के खिलाफ आरोप साबित हुए तो उन्हें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.