मुगल शाहजहां ने कौन सा इबादतगाह 40 दिनों में बनवाया था जानिए क्या है पूरा राज

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आगरा (www.arya-tv.com)। ताजनगरी में मुगल काल में बने स्मारकों में शाही ईदगाह भी शुमार है। कहा जाता है कि शहंशाह शाहजहां ने इसका निर्माण 40 दिनों में करा दिया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित ईदगाह वर्ष में केवल दो बार ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा पर नमाज के लिए खोला जाता है। इसमें एक साथ आठ से 10 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं। जिलाधिकारी आवास के पीछे कुतलूपुर में शाही ईदगाह बना हुआ है। लाखौरी ईंटों और चूने से बने ईदगाह में रेड सैंड स्टोन का काम हो रहा है। इसमें सात मेहराब हैं, जिनमें से बीच वाला मेहराब किनारों पर बने मेहराबों की अपेक्षा अधिक ऊंचा है।

इसके चारों कोनों पर छोटी बुर्जियां बनी हुई हैं। इसके चारों ओर दीवारों से परकोटा बनाया गया है, जिसके किनारों पर बुर्ज बने हुए हैं। एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारक वर्षभर बंद रहता है और केवल ईद पर नमाज के लिए खोला जाता है। इसके निर्माण के सही समय की जानकारी नहीं मिलती। माना जाता है कि शहंशाह शाहजहां ने वर्ष 1628-1656 के बीच इसका निर्माण कराया था। इसमें लगे हुए फारसी भाषा के शिलालेख के अनुसार वर्ष 1876 में ईदगाह का जीर्णोद्धार कराया गया था। वर्ष में केवल दो बार ही खोले जाने के चलते यहां कोई पर्यटक नहीं पहुंचता है। अगर कोई पहुंच भी जाए तो उसे बाहर से ही लाैटना पड़ता है।