(www.arya-tv.com) कानपुर के रोशन अरोड़ा शनिवार को वतन लौट आए। मर्चेंट नेवी में अफसर रोशन को 7 महीने पहले यानी नवंबर 2022 में नाइजीरिया नेवी ने बंधक बना रखा था। वह 11 महीने पहले नाइजीरिया गए थे। मां-बाप की उम्मीद टूटती जा रही थी। यही वजह है कि शनिवार को जब 11 महीने बाद बेटे को देखा, तो दीवाली मना डाली। बेटे के लौटने की खुशी में पिता ने मोहल्ले में लड्डू बांटा।
वहीं, मां भगवान का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रही थी। रोशन की खुशी का भी ठिकाना नहीं था। कहा कि 3 दिन से सोया नहीं हूं, लेकिन थकान बिल्कुल नहीं है। दरअसल, रोशन शनिवार सुबह वह दिल्ली पहुंचे। फिर कार से कानपुर। यहां घर के करीब पहुंचते ही रिश्तेदारों-दोस्तों से उन्हें कंधे पर उठा लिया। रोशन को देखते ही मां सीमा, पिता मनोज और बहन कोमल के आंसू छलक पड़े। रोशन ने सभी को गले लगाया।
रोशन ने बताया कि 2 जून को उसे पता चला था कि उसे छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद उसने पिता को यह जानकारी दी। रोशन समेत उनके जहाज के 16 भारतीयों पर कच्चा तेल चोरी करने का आरोप नाइजीरियन नेवी ने लगाया था। इसके बाद सभी को बंधक बना लिया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रोशन को नाइजीरियन नेवी ने रिहा किया।
मां बोली- मेरी दिवाली तो आज
बेटे को सलामत देखकर मां सीमा ने कहा, “1 साल में एक भी त्योहार नहीं मनाया। मेरी दीवाली तो आज है। मेरी तो आंखों की रोशनी वापस आ रही है। घर के बाहर निकलना बंद कर दिया था। नाइजीरिया में 7 महीने से रोशन कैद था। इसके बाद से ही घर में वाहे गुरु का पाठ किया जा रहा था। जहां नाइजीरिया में बंधक बनाकर रखा था, वहां से सिर्फ 1 मिनट के लिए बात कराते थे, वो भी कब बात होगी कुछ पता नहीं होता था। इसलिए लगातार फोन के आस-पास ही पूरा परिवार रहता था।”
फंसने पर महसूस हुई भारतीय पासपोर्ट की ताकत
रोशन ने बताया कि सुना था कि भारतीय पासपोर्ट की बहुत वैल्यू है, लेकिन जब खुद मुश्किल में फंसा तो इसकी ताकत वाकई में महसूस हुई। कहने को तो उसके साथ 16 भारतीय, आठ श्रीलंका के, एक पोलैंड का और एक फिलिपींस का नागरिक था, लेकिन जिस तरह भारत सरकार ने हम लोगों को छुड़ाने के लिए ताकत झोंकी, उससे विदेशी नागरिक भी हमसे ही हर गतिविधि की जानकारी लेते थे।