(www.arya-tv.com)कोरोना की वैक्सीन भले ही आ गई, लेकिन सरकारी सिस्टम का संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन में लापरवाही का एक बड़ा मामला सोमवार को मध्य प्रदेश में सामने आया। वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में ग्वालियर के एक सेंटर पर सोमवार को 940 फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाना था, लेकिन इन सभी के नाम के आगे एक ही मोबाइल नंबर (9977461031) लिखा था। इसका नतीजा यह हुआ न तो किसी के पास मैसेज पहुंचा और न ही वेरिफिकेशन हो पाया।
मामला ग्वालियर के जयारोग्य हॉस्पिटल (JAH) सेंटर का है। इस सेंटर के 7 बूथों पर दिन भर में एक भी फ्रंटलाइन वर्कर को टीका नहीं लग सका। 10 लोग पहुंचे भी थे, लेकिन रिकॉर्ड में उनका नंबर नहीं मिल पाने की वजह से वेरिफिकेशन नहीं हो पाया।
जिसका नंबर लिखा, उसका वैक्सीनेशन में नाम तक नहीं
JAH पहुंची नगर निगम कर्मचारियों की लिस्ट में सभी नामों के सामने जो नंबर (9977461031) है, वह नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के बाबू राजेश सक्सेना का है। जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘पता नहीं मेरा यह नंबर सभी के नाम के साथ जुड़ गया, जबकि मेरा तो वैक्सीन लगवाने वालों में नाम तक नहीं है। मुझे सोमवार दोपहर JAH से फोन आया था। डॉक्टर ने बताया कि सभी के नाम पर आपका नंबर है। उन्होंने लिस्ट भेजी और पूछा भी था कि किसी को जानते हो, लेकिन सिर्फ नाम से मैं किसी को नहीं पहचान सका।’
अफसर बोले- नई लिस्ट जारी कर वैक्सीन लगवाना प्रायरिटी
इस मामले में जब टीकाकरण अधिकारी डॉ. आर के गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लिस्ट भोपाल से मिलती है, लेकिन यह लिस्ट नगर निगम से ही किसी ने बनाकर भोपाल भेजी होगी। लापरवाही तो हुई है, लेकिन अब देखना है कि किस स्तर पर हुई है। इसकी जांच कराई जा रही है। अभी तो प्रायरिटी यह है कि तुरंत नई लिस्ट निकाली जाए, ताकि फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लग सकें।