(www.arya-tv.com) पेट्रोल-डीजल के दाम आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं। इसकी बड़ी वजह 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव का खत्म होना है। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों और चुनाव का ट्रेंड बताता है कि मोदी सरकार चुनावों से ठीक पहले कीमतों में बढ़ोतरी से बचती रही है। हालांकि चुनाव खत्म होते ही वह कीमतों को बढ़ाने में देर नहीं करती।
इसी वजह से पेट्रोल-डीजल में 20-25 रुपए की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। ट्रेंड यह भी कहता है कि दामों में बढ़ोतरी एक बार में न होकर, रोज थोड़ी-थोड़ी होगी। यानी आज करीब 15 रुपए दाम बढ़ा दिए जाए और फिर धीरे-धीरे कर 5-10 रुपए की बढ़ोतरी और की जाए।
तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि क्रूड ऑयल रिकॉर्ड 140 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया है। ऐसे में खबर है कि सरकार और तेल कंपनियों ने पेट्रोल तथा डीजल के दाम बढ़ाने पर मंथन शुरू कर दिया है।
एक्सपर्ट के मुताबिक कच्चे तेल के दाम चढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल-डीजल पर 15-20 रुपए प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है। क्रूड के दाम लगातार बढ़ने से कंपनियों का घाटा भी लगातार बढ़ रहा है।
रूस-यूक्रेन जंग से बढ़े क्रूड के दाम
24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के आक्रामण के तुरंत बाद दुनियाभर के शेयर बाजार धराशाई हो गए, सोने की कीमतें बढ़ गई और क्रूड ऑयल रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया। युद्ध वाले दिन क्रूड करीब 100 डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जो अब 140 तक पहुंच चुका है। यानी 13 दिनों में ही कच्चा तेल 40% महंगा हो गया है। वहीं दिसंबर 2021 में क्रूड का औसत मूल्य 73 डॉलर के करीब था।
रूस ऑयल और नेचुरल गैस का बड़ा उत्पादक है। BP स्टैटिकल रिव्यू के अनुसार 2020 में रूस क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस कंडेनसेट के उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर था। इस दौरान रूस ने प्रति दिन 10.1 मिलियन बैरल का उत्पादन किया। रूस के आक्रामण के कारण कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए है। इसी वजह से क्रूड की आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता है और दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
आपूर्ति के लिए भारत अन्य देशों पर निर्भर
भारत क्रूड ऑयल की 85% से ज्यादा आपूर्ति के लिए अन्य देशों पर निर्भर है। रूस के तेल एक्सपोर्ट का लगभग आधा- करीब 25 लाख बैरल प्रति दिन- जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड, फिनलैंड, लिथुआनिया, ग्रीस, रोमानिया और बुल्गारिया सहित यूरोपीय देशों को भेजा जाता है।
हालांकि, भारत काफी कम तेल रूस से इंपोर्ट करता है। 2021 में भारत ने रूस से प्रति दिन 43,400 बैरल तेल का इंपोर्ट किया। ये भारत के तेल इंपोर्ट का केवल 1% है। रूस पर लगी पाबंदियों की वजह से भारत की तेल सप्लाई तो ज्यादा प्रभावित नहीं होगी, लेकिन क्रूड के दाम बढ़ने का सीधा असर होगा।
एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है सरकार
एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगाई को काबू में करने के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है। केंद्र सरकार ने कोरोना की पहली लहर में दो बार में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में 15 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी।
हालांकि इसके बाद 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी की कटौती की थी। अगर सरकार दाम बढ़ाने के बाद एक्साइज ड्यूटी में कटौती नहीं करती है तो महंगाई बेकाबू हो सकती है।