(www.Arya Tv .Com) ज्ञानवापी परिसर के व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना को लेकर अपने रिटायरमेंट के अंतिम दिन ऐतिहासिक फैसला देने वाले जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने आज प्रेस कॉफ्रेंस किया. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने हम न्यायिक सेवा के बारे में चर्चा की. उन्होंने बताया कि फैसला कोई भी हो उसे डिलीवर करना आसान नहीं होता है, कई बार तो जजमेंट को बार-बार पढ़ना पड़ता है, सुधारना पड़ता है.
31 जनवरी को न्यायिक सेवा से रिटायर हुए डॉ विश्वेश ने ऐतिहासिक ज्ञानवापी परिसर पर अपना फैसला सुनाया था. उन्होंने कहा कि जब तक मैं न्यायिक सेवा में रहा, पूर्ण निष्ठा व मेहनत के साथ अपने दायित्व को निभाया. मेरे मन मे हमेशा यहीं इच्छा रहती थी कि मैं जो भी जजमेंट (फैसला) लिखूं वह बेहतरीन होना चाहिए, उसने कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए. मैं, एक बार, दो बार, तीन बार पढ़कर, सुधार कर तब अपने फैसले लिखता था
उन्होंने आगे कहा कि मैं यह प्रयास करता था कि मेरे जो भी जजमेंट या फैसलें हो न्याय प्राप्त करने के उद्देश्य से लिखा जाए और उसमें कोई भी त्रुटि न रहे. इसी वजह से मैंने जो भी आदेश दिए वह सब इसी भावना से दिए है कि पत्रावली पर जो सामग्री है, साक्ष्य हैं, जो उभयपक्ष का वृतांत व अभिवचन है उनको ध्यान में रखकर दिया है.
.उधर, जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ स्थगित कराने के मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय किया है. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने गुरुवार को बताया कि मुस्लिम पक्ष व्यास जी के तहखाने में जिला अदालत के हाल के आदेश पर दोबारा शुरू की गयी पूजा-पाठ को 15 दिन के लिए रोककर सुनवाई करने का आग्रह किया.
इस पर आज हिंदू पक्ष ने जिला जज अनिल कुमार (पंचम) की अदालत में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब हाई कोर्ट में 12 फरवरी को इसी मुद्दे पर सुनवाई होनी है तब निचली अदालत में इस मामले में सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है. मुस्लिम पक्ष की मांग पर सुनवाई करते हुए जिला जज ने मामले की सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख नियत कर दी.