(www.arya-tv.com)अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई की उम्र अभी 32-33 साल ही है. लॉरेंस बिश्नोई के पास अब अपराधियों का इतना बड़ा नेटवर्क हो चुका है कि वह जेल में बैठकर ही सारे काम कराता है. वर्तमान में लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र और यूपी तक फैल चुका है. एक पुलिस कांस्टेबल के बेटे के अपराधी बनने की कहानी भी दिलचस्प है. लॉरेंस बिश्नोई के बारे में कहा जाता है कि वह छात्र संघ चुनाव में मिली हार के कारण अपराधी बना, तो एक चर्चा यह भी है कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड के चक्कर में अपराध की दुनिया में कदम रखा. आइए जानते हैं कि गोली, बंदूक, और मर्डर की दुनिया में मशगूल रहने वाला एक अपराधी किस लड़की से प्यार करता था और कैसे उसी लड़की के चक्कर में उसकी पूरी दुनिया ही बदल गई.
एक मीडिया रिपोर्ट में लॉरेंस बिश्नोई को करीब से जानने वालों के हवाले से कहा गया है कि शुरूआत में लॉरेंस बिश्नोई अपराधी किस्म का लड़का नहीं था और न ही वह किसी से कोई लड़ाई-झगड़ा करता था. पिता हरियाणा पुलिस में नौकरी करते थे और उनके पास अच्छी-खासी जमीन थी, जिसकी कीमत करोड़ों में थी. ऐसे में लॉरेंस बिश्नोई को पैसे-रुपये की भी कोई दिक्कत नहीं थी. वह हमेशा से रईसी की लाइफ जीता था. करीबियों की मानें तो एक लड़की के कारण वह अपराधी हो गया। उसके अपराधी बनने के पीछे उसकी बेइंतहा मोहब्बत है.
स्कूल में हो गया प्यार
बात तब की है जब लॉरेंस स्कूल में पढ़ता था. स्कूल के दिनों से ही उसे एक लड़की से एकतरफा प्यार हो गया और उसकी प्रेम कहानी यहीं से शुरू हो गई. लॉरेंस उन दिनों अबोहर के कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ता था. वह 10वीं में रहा होगा कि इसी दौरान यहां उसके साथ पढ़ने वाली एक लड़की से प्यार हो गया, लेकिन यह एकतरफा प्यार था. बाद में वह लड़की भी लॉरेंस से प्यार करने लगी और इस तरह दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे. इसके बाद दोनों यहीं नहीं रुके। लॉरेंस और उसकी प्रेमिका ने एक साथ चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में 12वीं में एडमिशन लिया. दोनों ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी साथ-साथ की. आगे की पढ़ाई के लिए दोनों ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में ही एडमिशन लिया. कहा जाता है कि लॉरेंस हमेशा अपनी वीआईपी लाइफस्टाइल के लिए चर्चित था, लिहाजा वह जल्द ही लोगों की नजरों में आ गया.
कॉलेज के चुनाव में मिली हार
लॉरेंस ने यहां की राजनीति में दखल देना शुरू कर दिया. उसने स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम का एक छात्र संगठन बनाया, जिसे शॉर्ट में SOPU कहते हैं। जब कॉलेज में छात्र संघ चुनाव हुए, तो लॉरेंस ने भी अपनी किस्मत आजमाई और छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव हार गया. विरोधी गुट चुनाव जीत गया, जिसके बाद लॉरेंस बौखला गया और रिवॉल्वर खरीद ली. हार के बाद भी लॉरेंस बिश्नोई कॉलेज में अपना दबदबा बनाना शुरू कर दिया.
झड़प में निशाने पर आ गई गर्लफ्रेंड
चुनाव के बाद आए दिन लॉरेंस के गुट और विरोधियों के बीच झड़पें होने लगीं. 2011 में दोनों गुटों में जमकर फायरिंग भी हुई. दोनों गुटों में आपस में काफी तनातनी हो गई. इसी दौरान विरोधी गुट ने लॉरेंस की गर्लफ्रेंड को निशाना बना लिया. कहा जाता है कि विरोधियों ने लॉरेंस की गर्लफ्रेंड को आग के हवाले कर दिया और उसकी प्रेमिका को जिंदा जला दिया. हालांकि इसे बाद में हादसे का रूप देने की कोशिश की गई, लेकिन इसी घटना ने लॉरेंस की दुनिया पलट कर रख दी. प्रेमिका की मौत के बाद लॉरेंस अपराध की दुनिया में चला गया. उसने अपनी खरीदी रिवॉल्वर से कई छात्रनेताओं की हत्याएं की. लॉरेंस पर खालिस्तानी संगठन से जुड़े होने के भी आरोप लगते रहे हैं. वह आम लोगों का समर्थन जुटाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने लगा. उस पर युवाओं को बरगलाने के भी आरोप लगते रहे हैं.