(www.arya-tv.com)15 जनवरी, 2022 यानी शनिवार शाम के बाद विराट कोहली के नाम के आगे अब ‘कैप्टन’ नहीं लिखा जाएगा। सीमित ओवर की कप्तानी से तो पहले ही कोहली हट चुके थे और अब उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट की कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया है। कोहली के कप्तानी के सुनहरे करियर का अंत कुछ खास अच्छा नहीं रहा, क्योंकि भारत साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इतिहास रचते-रचते चूक गई।
एमएस धोनी के संन्यास के बाद 2015 में विराट कोहली को टेस्ट का कप्तान बनाया गया था। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने शानदार खेल दिखाया। बतौर कप्तान विराट के बल्ले ने भी जमकर रनों की बारिश की। टेस्ट कैप्टन के रूप में कोहली ने पहला मैच 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेला था और मैच की दोनों पारियों में शतक लगाए थे। किंग कोहली की कप्तानी में भारत ने देश के साथ-साथ विदेशों में भी सफलता के झंड़े गाड़े।
42 महीनों तक नंबर-1 रहे हम
विराट की अगुआई में भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में 42 महीनों तक टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान पर रही। कोहली की कप्तानी में टीम अक्टूबर 2016 में पहली बार टेस्ट में नंबर-1 बनी थी और 2020 मार्च तक इस पायदान पर बरकरार रही। लगातार 42 महीनों तक टेस्ट क्रिकेट में राज करना अपने आप में बहुत बड़ी बात है।
- विराट कोहली ने 29 अलग-अलग मैदानों पर टेस्ट मैच जीते।
- कोहली दुनिया के इकलौते कप्तान है, जो 3 बार ICC टीम ऑफ द ईयर के कप्तान रहे (2017, 2018, 2019)
- विराट की कप्तानी में ही भारत ने WTC फाइनल खेला था।
ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर रौंदा
2018-19 में भारत ने विराट की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर 2-1 से हराकर टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके साथ ही कोहली एशिया पहले ऐसे कप्तान बन गए थे, जिन्होंने कंगारूओं को उन्हीं की धरती पर टेस्ट सीरीज में हराया। इस सीरीज में बतौर कप्तान कोहली ने 7 पारियों में 40.29 की औसत के साथ 282 रन बनाए थे। 2020-21 में भी जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर लगातार दूसरी बार टेस्ट सीरीज जीती थी, उस सीरीज के पहले मैच में कोहली ही कप्तान थे। हालांकि सीरीज के बाकी मुकाबलों के लिए उन्होंने आराम लिया था।
2021 में भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया था। जहां 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जानी थी। हालांकि कोरोना के चलते सीरीज का आखिरी मुकाबला नहीं खेला जा सका। सीरीज में खेले गए चार टेस्ट मैचों में फिलहाल टीम इंडिया 2-1 से आगे हैं। इसका क्रेडिट भी कप्तान कोहली को ही जाता है। साल 2007 के बाद पहली बार भारतीय टीम का ENG की सरजमीं पर इतना बढ़िया प्रदर्शन देखने को मिला।