हाथरस के एसपी-डीएसपी समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड; पुलिस अफसरों समेत पीड़ित परिवार का नार्को टेस्ट होगा

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(www.arya-tv.com)हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप के 18 दिन बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने शुक्रवार रात को बड़ी कार्रवाई की और जिले के एसपी और डीएसपी समेत 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इन सभी का नार्को टेस्ट किया जाएगा। इसके अलावा, पीड़ित परिवार का भी नार्को टेस्ट कराने का फैसला भी किया गया है। विनीत जायसवाल को हाथरस का एसपी बनाया गया है।

उधर, एसआईटी ने आज इस मामले में पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार एसपी हाथरस विक्रांत वीर को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है। इनके साथ सीओ राम शब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, सीनियर सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह, हेड कांस्टेबल महेश पाल को सस्पेंड किया गया।

हाथरस से दिल्ली तक हंगामा और प्रदर्शन हुए
गैंगरेप केस में दिल्ली से लेकर पीड़ित लड़की के गांव तक हंगामा और राजनीति जारी रही। दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में पीड़ित के लिए एक प्रार्थना सभा की गई। इसमें कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस मौके पर प्रियंका ने कहा, ‘दुख की घड़ी में पीड़ित का परिवार अकेला है। हमारी बहन के साथ न्याय होना चाहिए। हमें अन्याय के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई तेज करनी होगी। मैं प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए यहां आई हूं।’

इस बीच, इस घटना के विरोध में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया गया। यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द फांसी हो। इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मुंबई या दिल्ली में ऐसी घटना क्यों होनी चाहिए? देश में रेप की घटनाएं नहीं होनी चाहिए।

पीड़ित परिवार ने CBI जांच की मांग की
एक वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण लक्षकार पीड़ित परिवार से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगा। आप सरकार की बात मान लीजिए। यह वीडियो वायरल होने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। मृतक लड़की के पिता ने CBI जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यूपी पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा, हमें मीडिया वालों से नहीं मिलने दे रहे। घर से निकलने पर भी 10 तरह के सवाल किए जा रहे हैं।

पुलिस ने पीड़ित परिवार के फोन छीने
परिवार का एक बच्चा किसी तरह बाहर निकलकर आया और मीडिया को बताया कि सभी के फोन छीन लिए गए हैं। बच्चे ने कहा कि घरवाले आपसे मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोक रखा है। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को भी वहां से भगा दिया।

गांव वालों ने कहा- हमारे साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो रहा
उधर, पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है।