(www.arya-tv.com) ज्ञानवापी मामले में भावनाएं आहत और भड़काने की कोशिश करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने को लेकर दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। स्पेशल सीजेएम की अदालत में अपीलकर्ताओं के वकील ने पक्ष रखा तो सरकारी वकील ने भी जवाब दिया। इस मामले में बहस के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया, जो अगली तारीख पर दिया जाएगा। एफआईआर दर्ज कराने की इस याचिका को पहले निचली अदालत ने खारिज कर दिया था
पुनरीक्षण याचिका स्वीकार
वाराणसी के भेलूपुर के बजरडीहा निवासी विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव के 156(3) के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई तो अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानन्द राय ने बहस की। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने ज्ञानवापी मामले मे दाण्डिक पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली है। निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें एफआईआर दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया था। मंगलवार को ऊपरी अदालत के आदेश पर पुन: स्पेशल सीजेएम की अदालत में बहस हुई। अदालत ने दोनों पक्षों पर बहस सुनकर आदेश के लिये पत्रावली सुरक्षित कर ली और जल्द दोनों पक्षों को अग्रिम आदेश की सूचना दी जाएगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थित
वकीकाशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थितलों ने कोर्ट को बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग मे प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थित है,ज्योतिर्लिंग का प्राण प्रतिष्ठा करने के उपरांत स्थापित किया गया था जो जीवित स्वरुप है और उसका कभी विध्वंश कभी नही हुआ है। मंदिर के स्वरुप को क्षतिग्रस्त किया गया था तथा कुछ अज्ञात लोगो ने औंरगजेब के धर्म के लोग के मानने वाले है,ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढकने के उपरांत एक पोखरी का निर्माण कर वजु का स्थान बना दिया।
ऊपरी अदालत मे रिविजन फाइल
दलील दी कि उक्त लोगों ने ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुचाकर हिंदु भावना भङकाने का काम किया। शिवलिंग के ऊपरी भाग मे शिवलिंग को ड्रिलिंग मशीन से छेदकर फब्बारा का रुप देने का प्रयास किया गया। इन लोगों के कृत्य से हिंदू जनभावनाए आहत हैं इस प्रकार हिंदु भावनाए भड़काने वाले मुस्लिम समुदाय पर केस दर्ज किया जाए। वादियों ने बताया कि 3 जनवरी2023 को इसका प्रार्थनापत्र पुलिस को दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। निचली अदालत ने 156(3)प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया तो ऊपरी अदालत मे रिविजन फाइल किया है।