आगरा में खुला UP का पहला व्हीकल स्क्रैप सेंटर:नौ स्टेप में कटेंगी गाड़ी

# ## Agra Zone

(www.arya-tv.com) जिन वाहनों को 15 साल या इससे ज्यादा समय हो गया, अब उन वाहनों को नई स्क्रैप पॉलिसी की तहत स्क्रैप सेंटर पर भेजा जाएगा। जहां पर वाहनों को काटा जाएगा। स्क्रैप पालिसी लागू होने के बाद आगरा में यूपी का पहला व्हीकल स्क्रैप सेंटर खुला है। यहां पर उत्तर प्रदेश के अलावा पूरे देश के वाहनों को काटा जा सकेगा। स्क्रैप सेंटर शुरू होने के बाद यहां पर 22 वाहन कटने आ चुके हैं। इसमें बीएमडब्लू जैसी महंगी कार भी है। यहां एक साल में 66 हजार गाड़ी कट सकेंगी।

नौ चरण में होगा वाहनों का कटान
आगरा के नुनिहाई में यूपी का पहला व्हीकल स्क्रैप सेंटर वी वेंचर के नाम से खोला गया है। स्क्रैप सेंटर कई एकड़ में बना है। यहां पर एक साथ सैकड़ों छोटे-बडे़ वाहन खडे़ हो सकते हैं। वहां पर बीएमडब्लू, यूपी रोडवेज की छह बस सहित करीब 10 गाड़ियां खड़ी थीं। मथुरा डिपो की रोडवेज बस को काटा जा रहा था। स्क्रैप सेंटर के चेयरमैन संजीव जैन ने बताया कि स्क्रेप सेंटर में आने के बाद गाड़ी को काटने के लिए नौ चरण होते हैं। इन नौ चरण में गाड़ी के कागज चेक करने से लेकर उसको पूरी तरह डिस्ट्रॉय कर लोहे का बंडल बनाने की प्रक्रिया होती है।

इस तरह निर्धारित होती है गाड़ी की कीमत
उन्होंने बताया कि जब गाड़ी स्क्रैप सेंटर में आती है तो सबसे पहले धर्मकांटे पर उसका वजन किया जाता है। गाड़ी का जितना वजन होता है, उसका 65 फीसद को 22 रुपए किलो के हिसाब से मूल्य निकाला जाता है। इसके अलावा गाड़ी की कंडीशन के हिसाब से भी उसकी कीमत आंकी जाती है। वजन होने के बाद गाड़ी के कागज चेक किए जाते हैं। कागज चेक होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।

ये है नौ चरण
पहली प्रक्रिया में गाड़ी में कोई विस्फोटक पदार्थ तो नहीं है, इसको चेक करने के लिए उसकी रेडियोएक्टिव मशीन से जांच की जाती है। यहां से ओके होने के बाद गाड़ी को दूसरी जगह पर भेजा जाता है। यहां पर गाड़ी के टायर और सीएनजी किट को अलग किया जाता है। इसके बाद गाड़ी को बैटरी स्टेशन पर भेजा जाता है। इस जगह पर गाड़ी की बैटरी को निकाला जाता है। यहां पर गाड़ी के एसी की गैस को एक विशेष मशीन से निकाला जाता है, जिससे गैस वातावरण में न जाए। इसके अलावा गाड़ी के अन्य सामान निकाले जाते हैं।

जमीन पर नहीं गिरे ऑयल
इसके बाद चौथे चरण में गाड़ी डी पॉल्यूशन सेंटर पर पहुंचती है। यहां पर गाड़ी के हर प्रकार के ऑयल को विशेष मशीन से निकाला जाता है। इस मशीन की खासियत ये होती है कि बिना जमीन पर एक बूंद भी गिरे गाड़ी से सारा ऑयल खींच लेती है। फिर इन ऑयल को अलग-अलग ड्रम में भरा जाता है। 5वें चरण मे गाड़ी के इंटरनल पार्ट सीटें, स्टेयरिंग, डैशबोर्ड, फर्श की चटाई, रूफ लाइनर व सभी इंटरनल पार्ट्स को अलग कर दिया जाता है।

6वें चरण में कार की सारी वायरिंग और इंजन के छोटे कंपोनेंट को अलग किया जाता है। सातवें चरण में कार का इंजन, फ्रंट और रियर सस्पेंशन, रेडियटर, ब्रेक लाइनिंग को अलग किया जाता है। इसके बाद आठवें चरण में गाड़ी का आगे और पीछे का कांच, रबर से बना सारा सामान, प्लास्टिक का आइटम और चेसिस नंबर को काट कर अलग किया जाता है। इन आठ चरण के बाद कार में कोई सामान नहीं बचता। बस वो केवल लोहे का डिब्बा होती है7

70 सेकेंड में कार बन जाती है बॉक्स
इसके बाद गाड़ी को अंतिम चरण के लिए ले जाया जाता है। स्क्रैप सेंटर में एक बड़ी सी वेलिंग मशीन लगी है। इस मशीन में गाड़ी को डाल दिया जाता है। इसके बाद हाइड्रोलिक पावर से महज 70 सेंकेंड में गाड़ी को दबाकर एक चौकरे डिब्बे में बदल दिया जाता है। मशीन पूरे लोहे को डिब्बा बनाकर बाहर निकाल देती है। बाद में लोहे के उस डिब्बे को गलाकर रियूज के लिए भेजा जाता है।

स्क्रैप सेंटर पर गाड़ी कटवाने पर मिलेगा फायदा
कंपनी के चेयरमैन ने बताया कि जो भी लोग अपनी गाड़ी को स्क्रैप सेंटर पर कटवाएंगे, उन्हें यहां से एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। उस सर्टिफिकेट का फायदा उन्हें नई गाड़ी खरीदने में मिलेगा। इसके अलावा नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन और टैक्स में भी उन्हें इसका लाभ मिलेगा। वहीं, सरकार को भी इससे फायदा होगा। अभी तक जो भी गाड़ी कटती थीं, उससे सरकार को राजस्व नहीं मिलता था, लेकिन यहां से सरकार को जीएसटी मिलेगा।

बहुत सख्त है नियम
संजीव जैन ने बताया कि स्क्रैप सेंटर के लिए सरकार ने बहुत सख्त नियम बनाए हैं। गाड़ी कटान में निकालने वाले ऑयल और गैस से पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे इस पर विशेष जोर है। इसके लिए विशेष तरह की मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

यूपी के अलावा पूरे देश की गाड़ी कट सकेंगी
उन्होंने बताया कि सरकार की पॉलिसी के तहत स्क्रैप सेंटर में पूरी यूपी के साथ देश की कोई भी गाड़ी यहां पर कट सकेगी। ऐसा नहीं है कि केवल आगरा या यूपी की गाड़ी यहां पर कटेंगी। एक साल में 66 हजार गाड़ियोंं को काटने का लाइसेंस है।