काशी में मंदिर जैसी आकृति वाला है ये चर्च, दीवारों पर ॐ के निशान, हर दिशा से दिखती है एक जैसी

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(www.arya-tv.com) वाराणसी: काशी को मंदिरों का शहर कहा जाता है. इस शहर में मंदिरों के साथ कई चर्च भी है जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है. इस पुरातन शहर में एक ऐसा चर्च है जो मंदिर के वास्तुकला पर आधारित है. वाराणसी के कैंटोनमेंट स्थित महागिरजाघर इसका साक्षात उदाहरण है. यह चर्च अष्टकोणीय वास्तुकला पर बनी है. जिस भी दिशा से देखी जाए यह एक जैसी ही दिखती है. इसके अलावा इस चर्च की दीवारों पर ‘ॐ’ की आकृति भी है.

सबसे खास बात यह है कि चर्च के अंदर की दीवारों पर श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक भी लिखे हैं. इसके अलावा बाइबिल के श्लोक भी आपको दिखाई देंगे. वाराणसी में स्थित यह ऐतिहासिक चर्च पूरे देश और दुनिया को सर्व धर्म सम्भाव का संदेश देता है.

200 साल पुराना है इतिहास
वाराणसी में स्थित इस चर्च का इतिहास करीब 200 साल पुराना है. 1820 में अंग्रेजी हुकूमतों ने इसकी नींव रखी थी. उस वक्त इसका स्वरूप काफी छोटा था. लेकिन बाद में इसका पुनः निर्माण कराया गया तो इस चर्च को अनोखा रूप दिया गया.

सभी धर्मों का है केंद्र बिंदु
अब इस चर्च में करोल की गूंज के साथ हर हर महादेव के जयघोष भी सुनाई देते हैं. रविवार के दिन यहां लोगों की काफी भीड़ होती है. हर धर्म के लोग यहां आते हैं और प्रार्थना करते है. काशी का यह चर्च सभी धर्मों का केंद्र बिंदु है.

क्रिसमस पर होती है भीड़
क्रिसमस डे पर यहां मेले जैसा माहौल होता है.चर्च के आधा किलोमीटर के एरिया में भारी भीड़ होती है और क्रिसमस डे सेलिब्रेशन के लिए लोग यहां आते है. इस समय इस चर्च की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है क्योंकि इसे रंग बिरंगे लाइटों से खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है