(www.arya-tv.com)वाराणसी में दुर्गाकुंड मंदिर स्थित श्री हनुमान पोद्दार अंध विद्यालय के सामने 27 दिनों से धरना दे रहे 12 दिव्यांग (नेत्रहीन) छात्रों को पुलिस ने बलपूर्वक उठाकर BHU मेन गेट के भीतर बंद कर दिया। पुलिस की यह कार्रवाई एसडीएम सिटी और एडीसीपी काशी जोन की अगुवाई में रात 2:30 बजे हुई, जब प्रदर्शनकारी छात्र सो रहे थे।
पुलिस ने धरना स्थल खाली करा लिया है। छात्रों का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने उनकी पिटाई भी की है। यह बात जब अन्य साथियों को पता चली तो सुबह से BHU गेट के सामने सैकड़ों छात्र जुट गए हैं। सभी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं।
कुछ छात्रों ने BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल के मिनी द्वार से दुर्गाकुंड मंदिर जाने की कोशिश की तो पुलिस बल और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें वहीं पर रोक लिया। मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस बल BHU के सिंहद्वार पर तैनात किया गया है।
इसलिए आंदोलन पर थे छात्र
एक निजी ट्रस्ट द्वारा संचालित अंध विद्यालय की 9 से 12वीं की कक्षाओं को फंड की कमी का हवाला देकर बंद कर दिया गया था, जिसे वापस चलाने की मांग को लेकर दिव्यांग छात्र दुर्गाकुंड इलाके की मुख्य सड़क कैंट-लंका मार्ग जाम करके बैठे थे। 3 अगस्त को धरना शुरू हुआ और तब से इस मार्ग के बंद हो जाने से आम शहरियों और आसपास के लोगों और व्यापारियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
छात्रों का नेतृत्व बीएचयू के ही एक दिव्यांग छात्र अभय कुमार कर रहे हैं। अभय एक मिमिक्री आर्टिस्ट भी हैं और पीएम मोदी एक बार बनारस विजिट पर आए थे तो बीएचयू हेलिपैड पर उनका स्वागत उन्हीं के आवाज में किया था, जिसकी मोदी ने काफी सराहना भी की थी।
विपक्षी नेताओं ने दिया था छात्रों को समर्थन
रविवार को सर्किट हाउस में यूपी सरकार के दिव्यांगजन कल्याण मंत्री अनिल राजभर से छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुलाकात कर मार्ग छोड़ देने की सहमति दी थी, मगर उसके बावजूद जब धरना नहीं खत्म हुआ तो पुलिस जबरिया सभी छात्रों को उठाकर BHU गेट के अंदर छोड़ आई।
इस बीच कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि उनके साथ जोर-जबरदस्ती भी की गई और सरेराह पीटा भी गया। वहीं, मंत्री अनिल राजभर, जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि बीएचयू गेट पर नेत्रहीन छात्रों की नारेबाजी और व्यक्तिगत टिप्पणियों पर पुलिस की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
बताते चलें कि नेत्रहीन छात्रों के इस आंदोलन को विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने अपना समर्थन दिया था। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, कांग्रेस नेता अजय राय आदि नेता धरनास्थल पर भी छात्रों को आश्वासन देकर जा चुके हैं।