(www.arya-tv.com) वाराणसी. वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर में कथित ‘शिवलिंग वाले तालाब’ की सफाई शुरू कर दी गई है. सुबह 9 बजे सफाई शुरू की गई है, जो लगभग चार घंटे तक चलेगी. कड़ी सुरक्षा के बीच जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की देखरेख में सफाई का काम किया जा रहा है. यहां नगर निगम के अलावा अधिकारियों की टीम भी मौजूद है.
ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजूखाने में शिवलिंगनुमा पत्थर की आकृति मिली थी. इसी वजूखाने की सफाई की जा रही है. यह आकृति मिलने के बाद हिंदू पक्ष की सुप्रीम कोर्ट में अपील पर पूरे परिसर को सील करवा दिया गया था. बीते दिनों अंजुमन इंतजामिया ने जिला अधिकारी को एक आवेदन दिया था. इसमें उन्होंने बताया था कि वजूखाना सील होने के बाद उसके भीतर मौजूद मछलियां मर रही हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से सफाई नहीं हो पा रही है. फिर विष्णु शंकर जैन ने 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जिलाधिकारी की निगरानी में सफाई कराने का आदेश दिया.
सिर्फ सफाई कर्मियों को प्रवेश की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि मुस्लिम और हिंदू दोनों पक्षों के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाने की सफाई के दौरान अंदर मौजूद रहेंगे. कोई भी पक्ष वजूखाने की जाली के भीतर प्रवेश नहीं करेगा. सिर्फ सफाई कर्मी ही अंदर प्रवेश करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि टैंक की सफाई वाराणसी के जिला कलेक्टर की देखरेख में कराई जाए.
मुस्लिम पक्ष को सौंपी जाएंगी मछलियां
ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने की सफाई सुबह 9:00 बजे शुरू हो गई है. 26 सदस्यीय दल जिसमें हिंदू और मुस्लिम पक्ष के साथ-साथ नगर निगम के सफाईकर्मी शामिल हैं. सभी सदस्यों ने सुबह 9:00 बजे ज्ञानवापी के बाहर पहुंचकर अपना पहचान पत्र दिखाते हुए अंदर प्रवेश किया. लगभग 4 घंटे तक सफाई का काम चलेगा जिसमें वजूखाने की सफाई के साथ-साथ मछलियों को मुस्लिम पक्ष को सौंपा जाएगा. वहीं जो मछलियां मरी होंगी उनका निस्तारण होगा.