वाराणसी में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट, डीजीपी ने दिए एसआईटी गठित करने के निर्देश

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वाराणसी के चौबेपुर स्थित छितौना गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मुकदमा दर्ज कराया. लेकिन फिलहाल अब यह मामला दो पक्षों के बजाय दो जाति वर्ग के बीच देखा जा रहा है. सबसे प्रमुख बात की इस मामले में भारतीय जनता पार्टी, करणी सेना और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेताओं की एंट्री ने इसे एक अलग ही दिशा दे दी है. वहीं इसमें उत्तर प्रदेश डीजीपी के दिशा निर्देश पर एसआईटी गठित की गई है और कार्रवाई करते हुए निकटतम थाने के थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है.

वाराणसी के चौबेपुर स्थित छितौना गांव में संपत्ति विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी. इसमें एक पक्ष की तरफ से महेंद्र राजभर, राम गुलाम राजभर और भोला राजभर जबकि दूसरी पक्ष की तरफ से संजय सिंह और उनका परिवार रहा. मारपीट के बाद दोनों पक्ष की तरफ से लोग घायल हुए और एक दूसरे पर मुकदमा पंजीकृत कराया.

करणी सेना ने लगाया ये आरोप?
इस मामले में राजभर परिवार से मिलने पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर की मुलाकात के बाद करणी सेना ने आरोप लगाया कि – संजय सिंह 32 सालों से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं लेकिन अनिल राजभर उनसे मुलाकात करने तक नहीं पहुंचे. अब इसके बाद मामले में सीधे-सीधे राजपूत औऱ राजभर समाज आमने सामने हो गवाराणसी के चौबेपुर स्थित छितौना गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मुकदमा दर्ज कराया. लेकिन फिलहाल अब यह मामला दो पक्षों के बजाय दो जाति वर्ग के बीच देखा जा रहा है. सबसे प्रमुख बात की इस मामले में भारतीय जनता पार्टी, करणी सेना और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेताओं की एंट्री ने इसे एक अलग ही दिशा दे दी है. वहीं इसमें उत्तर प्रदेश डीजीपी के दिशा निर्देश पर एसआईटी गठित की गई है और कार्रवाई करते हुए निकटतम थाने के थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है.

वाराणसी के चौबेपुर स्थित छितौना गांव में संपत्ति विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी. इसमें एक पक्ष की तरफ से महेंद्र राजभर, राम गुलाम राजभर और भोला राजभर जबकि दूसरी पक्ष की तरफ से संजय सिंह और उनका परिवार रहा. मारपीट के बाद दोनों पक्ष की तरफ से लोग घायल हुए और एक दूसरे पर मुकदमा पंजीकृत कराया.

करणी सेना ने लगाया ये आरोप?
इस मामले में राजभर परिवार से मिलने पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर की मुलाकात के बाद करणी सेना ने आरोप लगाया कि – संजय सिंह 32 सालों से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं लेकिन अनिल राजभर उनसे मुलाकात करने तक नहीं पहुंचे. अब इसके बाद मामले में सीधे-सीधे राजपूत औऱ राजभर समाज आमने सामने हो गया.

करणी सेना का यह दावा था कि उनके लगातार दबाव बनाने के बाद ही दूसरे पक्ष पर मुकदमा दर्ज हुआ. इसके अलावा समाजवादी पार्टी का भी एक प्रतिनिधिमंडल राजभर परिवार से मिलने पहुंचा. इसी मामले को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव डॉक्टर अरविंद राजभर ने 11 जुलाई कों उत्तर प्रदेश डीजीपी से मुलाकात की. जिसके बाद इस मामले में एसआईटी गठित की गई और चौबेपुर थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया.

अनिल राजभर ने मीडिया से बातचीत में क्या कहा?
वाराणसी के चौबेपुर छितौना मामले को लेकर सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ डॉक्टर अरविंद राजभर छितौना गांव पहुंचे. यहां उन्होंने परिवार से मुलाकात की. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच होने और न्याय होने की बात कही है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है जिसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ता घटनास्थल के आसपास जमकर नारेबाजी करते हुए देखे जा रहे हैं. जिसके बाद सोशल मीडिया पर ही दूसरे पक्ष की तरफ से भी आपत्ति जताई गई है. फिलहाल देखना यह होगा कि इस मामले में जातिय संघर्ष को एक तरफ रखते हुए पुरे मामला का निष्कर्ष कब तक होता है.या.

करणी सेना का यह दावा था कि उनके लगातार दबाव बनाने के बाद ही दूसरे पक्ष पर मुकदमा दर्ज हुआ. इसके अलावा समाजवादी पार्टी का भी एक प्रतिनिधिमंडल राजभर परिवार से मिलने पहुंचा. इसी मामले को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव डॉक्टर अरविंद राजभर ने 11 जुलाई कों उत्तर प्रदेश डीजीपी से मुलाकात की. जिसके बाद इस मामले में एसआईटी गठित की गई और चौबेपुर थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया.

अनिल राजभर ने मीडिया से बातचीत में क्या कहा?
वाराणसी के चौबेपुर छितौना मामले को लेकर सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ डॉक्टर अरविंद राजभर छितौना गांव पहुंचे. यहां उन्होंने परिवार से मुलाकात की. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच होने और न्याय होने की बात कही है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है जिसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ता घटनास्थल के आसपास जमकर नारेबाजी करते हुए देखे जा रहे हैं. जिसके बाद सोशल मीडिया पर ही दूसरे पक्ष की तरफ से भी आपत्ति जताई गई है. फिलहाल देखना यह होगा कि इस मामले में जातिय संघर्ष को एक तरफ रखते हुए पुरे मामला का निष्कर्ष कब तक होता है.