वाराणसी (www.arya-tv.com) शिवपुर स्थित सदर तहसील परिसर में ठेकेदार व सारनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर नितेश सिंह उर्फ बबलू की हत्या के आरोपी कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर पर प्रशासन की ओर से इनाम की राशि बढ़ा कर एक लाख रुपये कर दी गई थी। नितेश की हत्या में मुख्य आरोपित के तौर पर चोलापुर के लखनपुर गांव निवासी गिरधारी का नाम सामने आने पर उसकी तलाश में पुलिस लग गई थी। पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार एक लाख रुपए का इनामी कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में रहता था।
बता दें, 30 सितंबर 2019 को सदर तहसील परिसर में दिनदहाड़े अंधाधुंध फायरिंग कर सारनाथ निवासी नितेश सिंह बबलू की हत्या कर दी गई थी। तफ्तीश के बाद पुलिस ने अपनी ओर से पुष्ट किया कि नितेश की हत्या में चोलापुर थाना क्षेत्र के लखनपुर निवासी कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर के अलावा एक अज्ञात बदमाश शामिल था। गिरधारी का नाम हत्याकांड में सामने आने पर उसके पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एडीजी जोन बृजभूषण ने बताया कि वांछित बदमाश गिरधारी पर घोषित इनाम की राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई थी।
सदर तहसील के गेट पर बुलेट प्रूफ एसयूवी से पहुंचे सारनाथ थाना क्षेत्र में रहने वाले बस संचालक व सारनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर नितेश सिंह बबलू की बाइक सवार दो बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी। घटना के वक्त नितेश के पास भी पिस्टल थी, लेकिन जब तक वह अपना बचाव करता तब तक उसे गोली लग चुकी थी। इसके बावजूद भी नितेश अपनी बुलेट प्रूफ कार की ओर भागा ताकि वह अंदर बैठकर अपनी जान बचा सके लेकिन गोली चलाने वाले बदमाशों ने एक के बाद एक कई गोली मार कर नितेश की हत्या कर दी। गिरधारी जरायम की दुनिया में कदम रखने के साथ ही समझ गया था कि उसे इस फील्ड में लंबा सफर तय करने के लिए सफेदपोश नेताओं की जरूरत है। गिरधारी लंबे अरसे से सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में रहता आया है।
सरकार चाहे किसी की भी हो लेकिन गिरधारी को मऊ से वाराणसी और वाराणसी से लेकर लखनऊ तक की दूरी तय करने में समय नहीं लगता था। गिरधारी वाराणसी, आजमगढ़, चंदौली और जौनपुर के कुछ बड़े नेताओं का चहेता था। इसी कारण कई बड़े अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी पुलिस गिरधारी तक नहीं पहुंच पाई थी। बनारस पुलिस नितेश हत्याकांड में कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए दो बार न्यायालय से वारंट बी जारी कराया था लेकिन वह यहां लाया नहीं जा सका था। पुलिस रविवार को उससे असलहा बरामद कराने लखनऊ गई थी, लेकिन सोमवार को तड़के हिरासत से भागने के दौरान वह पुलिस मुठभेड़ में मेरा गया। उस पर पूर्वांचल के एक पूर्व सांसद का भी संरक्षण था।
पूर्वांचल का बन गया था शातिर
मऊ जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना के निवासी ज्येष्ठ प्रमुख व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की हत्या का मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ डाक्टर को सोमवार सुबह लखनऊ के विभूतिखंड पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गिराया गया। गिरधारी इस समय तीन दिन की रिमांड पर था और रविवार की रात विभूतिखंड पुलिस और वाराणसी पुलिस ने कई घंटे उससे पूछताछ की थी। पुलिस का दावा है कि तड़के उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी। इस दौरान उसने पुलिस पर गोली चलाई। इसमें जवाबी फायरिंग में सहारा अस्पताल के पास उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई।
बीते 6 जनवरी को लखनऊ के विभूति खंड में अजीत सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इसमें कुण्टू सिंह का मुख्य शूटर गिरधारी मुख्य आरोपित था। उसके साथ पांच अन्य शूटर थे। 11 फरवरी को गिरधारी की दिल्ली में नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी हुई थी। हत्या के अन्य राज पता करने के लिए पुलिस ने उसे 13 फरवरी की सुबह 11 बजे रिमांड पर लिया था। उसकी रिमांड 16 फरवरी की सुबह खत्म हो रही थी। शूटर गिरधारी से वाराणसी पुलिस ने भी रविवार को विभूतिखंड कोतवाली में पूछताछ की थी। अजीत की हत्या से पहले वाराणसी में नितेश की हत्या में गिरधारी वांछित था। उस पर तब एक लाख रुपये इनाम भी घोषित हुआ था। इस मामले में साजिशकर्ता और अन्य बदमाशों के बारे में गिरधारी से कई जानकारियां पता करने के लिए वाराणसी पुलिस रविवार दोपहर को लखनऊ पहुंची थी। दिल्ली में गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी पुलिस दिल्ली गई थी लेकिन उसे रिमांड नहीं मिली थी। लखनऊ की तरह ही गिरधारी वाराणसी कोर्ट में भी नहीं गया था और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उसने अगली तारीख ले ली थी। गिरधारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे।