उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदानों तक मानसून की दस्तक के साथ सब्जियों के दामों में भी लगातार वृद्धि हो रही हैं। पिछले एक महीने में कई सब्जियों के दाम दोगुने से लेकर तीन गुने तक होने आम आदमी की रसोई का बजट गड़बड़ाने लगा है. वहीं व्यापारियों का कहना है आने वाले समय में सब्जी के दामों में और अधिक तेजी आ सकती है.
उधम सिंह नगर जिले में 20 मई के बाद से सब्जियों के दामों में बढ़ोत्तरी होना शुरू हो गई थी. अब मानसून की दस्तक के साथ नदी किनारे स्थित सब्जी की खेती को नुकसान होने लगा है जिसके कारण सब्जी के रेटों में काफी तेजी के साथ इजाफा हो रहा हैं. 20 मई को करेला, तोरई, कद्दू 10 रुपये से लेकर 20 रुपये के बीच में था. लेकिन, अब इनमें से कई सब्जियों के दाम दोगुने से लेकर तीन गुने तक हो गए हैं.
बारिश की वजह से बढ़े सब्जियों के दाम
सब्जियों के दामों में लगातार हो रही वृद्धि का असर आम आदमी की रसोई पर देखने को मिलने लगा है. कई सब्जियां रसोई से गायब होने लगी है क्योंकि सब्जियों की खरीदारी के लिए लोगों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. सब्जी व्यापारी नेमचंद्र गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड में बरसात की दस्तक के साथ ही सब्जी की फसलों को काफी नुकसान होना शुरू हो गया है. जिसके कारण अब दामों में वृद्धि भी होने लगी है.
सब्जियों के एक महीने पहले और आज के दाम
टमाटर 10₹. 40₹.
लौकी 15₹. 30₹.
भिंडी 20₹. 50₹.
बैंगन 25₹. 50₹.
खीरा 15₹. 40₹
करेला 20₹. 50₹.
कद्दू 20₹. 30₹.
तोरई 20₹. 50₹.
परवल 30₹. 70₹.
सब्जी के दाम बढने से कई लोगों कम मात्रा में सब्जी की खरीदारी कर रहे हैं. ग्राहक अविनाश वर्मा ने बताया कि पिछले एक महीने में सब्जियों के रेटों काफी तेजी से वृद्धि हुई है. आलू और प्याज को छोड़ दिया जाएं, तो बाकी सभी सब्जियों के रेट बढ़ चुके हैं. सब्जियों के दामों में होने वाली वृद्धि का असर सीधे आम जनता की रसोई पर पड़ता है. इसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए.