3 बहनों से इकलौता भाई छूटा, बाप के बुढ़ापे की लाठी टूटी; लद्दाख टैंक हादसे में भूपेंद्र नेगी बलिदान, घर में मचा कोहराम

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(www.arya-tv.com) लद्दाख में भारतीय सेना के टैंक अभ्यास के दौरान हादसा होने से सेना के 5 जवान बलिदान हो गए। हादसे में जान गंवाने वालों में उत्तराखंड का जवान भी शामिल है। उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के विकासखंड पाबौ शहर के बिशल्ड गांव निवासी भूपेंद्र सिंह नेगी हादसे में बलिदान हुए हैं। जैसे ही भूपेंद्र के बलिदान होने की खबर घर पहुंची, कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चे रो-रोकर बेहाल हैं। बुजुर्ग पिता के तो बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई।

पिता की जीवनसंगिनी पहले ही साथ छोड़ गई थी। अब बेटे के अचानक दुनिया से चले जाने से वे टूट गए हैं। भूपेंद्र 3 बहनों के इकलौते भाई थे, जिनका इस बार का राखी का त्योहार अधूरा रह गया। इकलौते भाई के बलिदान होने की खबर पहुंचते ही तीनों बहनें भी घर पहुंचीं। आज शाम को उनका इकलौता भाई तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। पड़ोसी, रिश्तेदार, प्रशासन के अधिकारी शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं। सेना के अधिकारी पर बलिदानी जवान के घर पहुंचे।

मां की हो चुकी मौत, इकलौते कमाने वाले थे

भूपेंद्र नेगी के दोस्त विवेक ने बताया कि भूपेंद्र अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले थे। मां की पहले ही मौत हो चुकी है। बुजुर्ग पिता अपनी बहू और 3 पोते-पोतियों के साथ देहरादून में रहते हैं। भूपेंद्र की पत्नी एक स्कूल में टीचर हैं। 3 बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है, लेकिन भूपेंद्र के अचानक चले जाने से परिवार टूट गया है। बुजुर्ग पिता को टेंशन है कि अपन घर कैसे चलेगा? भूपेंद्र की पत्नी और 3 बच्चों की देखभाल कैसे होगी?

लद्दाख की श्योक नदी में डूब गया सेना का टैंक

बता दें कि 29 जून की सुबह करीब 3 बजे लद्दाख में सेना का T-72 टैंक हादसे का शिकार हो गया। प्रैक्टिस सेशन के दौरान अचानक श्योक नदी का जलस्तर बढ़ गया और टैंक सैलाब में डूब गया। हादसा लद्दाख के न्योमा-चुशूल से 148 किलोमीटर दूर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास दौलत बेग ओल्डी इलाके में हुआ। हादसे में 5 जवान रिसालदार MRK रेड्डी, दफादार भूपेंद्र नेगी, लांस दफादार अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान और नागराज पी बलिदान हुए। टैंक नदी पार करके तांगस्टे की बढ़ रहा था कि अचानक जलस्तर बढ़ने से सैलाब की चपेट में आ गया और उस पर सवार पांचों जवान बह गए।