(www.arya-tv.com)UP की राजधानी लखनऊ से लगभग 100 KM दूर उन्नाव जिले के आखिरी छोर पर बसा बबुरहा गांव अचानक सुर्खियों में आ गया है। बीते बुधवार की रात यहां एक दलित परिवार की दो नाबालिग लड़कियों के शव खेत में मिले थे, जबकि तीसरी लड़की की हालत बेहद नाजुक है। वह कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में मौत से जंग लड़ रही है। ये लड़कियां रिश्ते में बुआ-भतीजी थीं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पॉइजनिंग की पुष्टि हुई है, लेकिन तीनों ने खुद जहर खाया या खिलाया गया, यह अभी भी एक बड़ा सवाल है।
इस घटना के बाद देश के तमाम दलित नेताओं, सोशल एक्टिविस्ट और विपक्षी दलों के नेताओं ने UP की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। वहीं, बबुरहा गांव में पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अफसरों की आमद बढ़ गई है। राजनेताओं का भी गांव में आना-जाना लगा हुआ है।
बबुरहा मुड़ने वाले रास्ते पर पुलिस का बैरियर और इस गांव में मीडिया का जमावड़ा
बबुरहा गांव में काजल, कोमल और रोशनी संदेहास्पद परिस्थितियों में खेत में मिली थीं। काजल और कोमल की मौत हो गई है। रोशनी की हालत नाजुक है। काजल के पिता ने घटना के 18 घंटे बाद असोहा थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। उन्नाव की असोहा पुलिस अब पहले से ज्यादा एक्टिव नजर आ रही है। थाने से 1 किमी दूर बबुरहा गांव की ओर मुड़ने वाले रास्ते पर 6 से ज्यादा पुलिस वाले बैरियर के पास खड़े हैं और आने-जाने वाले से पूछताछ कर रहे हैं। यहीं से एक किलोमीटर दूर बबुरहा गांव में बाहर से पुलिस और मीडिया का जमावड़ा दिखाई पड़ता है। करीब 100 मीटर अंदर वो परिवार है, जिसने दो लड़कियों को खो दिया। यहां पुलिस बैरिकेडिंग तो है, पर आने-जाने पर रोक-टोक नहीं है।
बेटी भी चली गई, पुलिस वालों ने बेटे को अब तक नहीं छोड़ा
काजल के घर के सामने 12-15 पुलिसकर्मी अपने असलहों और डंडों के साथ तैनात हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना यह एक कमरे का घर है। बगल में कच्चे मकान पर झोपड़ी बनी हुई है। काजल की मां बिटौल बेसुध अवस्था में अपनी किसी रिश्तेदार की गोद में पड़ी हुई हैं। बात-बात पर फफक कर रो पड़ती हैं। कहती हैं कि मेरी बिटिया चली गई और मेरे बेटे कल्लू (25) को भी पुलिस वाले थाने ले गए हैं। उसके साथ दस साल के ललित को भी पुलिस ले गई है। ये बातें होते ही महिला पुलिस सब इंस्पेक्टर बीच में टोकते हुए बोलती है कि पंचनामा के लिए ले गए हैं, पर जब ये सवाल होता है कि रात में ही क्यों ले गए तो पुलिस अफसर चुप हो जाती हैं।