उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025 पास… क्रय, विक्रय और नामांतरण जैसी प्रक्रियाएं होंगी आसान

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उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उप्र. ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025 पास हो गया। इस तरह प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राहत देने के मद्देनजर घरौनी को कानूनी मान्यता देने की विधायी औपचारिकता भी पूरी हो गई है। दरअसल घरौनी, जिसे ग्राम्य आवासीय अभिलेख कहा जाता है, ग्रामीणों के आवासीय संपत्ति का आधिकारिक दस्तावेज होता है। पहले इस दस्तावेज का उपयोग सीमित कामों के लिए किया जाता था, लेकिन बीती 7 अगस्त को कैबिनेट द्वारा उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025 को मंजूरी दिए जाने के बाद अब इसे कानूनी ताकत भी मिल गई है।

इस विधेयक के तहत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खरीद बिक्री और नामांतरण जैसी प्रक्रियाओं को आसान और मालिकाना हक को सुरक्षित किया गया है। इसके बाद घरौनी को ही अधिकारिक दस्तावेज माना जाएगा। इस बदलाव से ग्रामीण अब अपनी आवासीय संपत्ति, यानी घर और उससे जुड़ी जमीन, को गिरवी रखकर बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
वहीं, मंगलवार को सदन में उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग संशोधन विधेयक, निजी विश्वविद्यालय तृतीय, चतुर्थ और पंचम संशोधन विधेयक के अलावा पेंशन की हकदारी एवं विद्यामान्यीकरण विधेयक भी पास किया गया है। विधेयक 01 अप्रैल 1961 से प्रभावी होगा। नगर निगम संशोधन विधेयक भी पास किया गया। इससे विज्ञापन का अनुबंध अब 15 साल के लिए किया जा सकेगा। इसके साथ ही गन्ना उपकर निरसन विधेयक, केजीएमयू संशोधन विधेयक भी पास किया गया।

केजीएमयू संशोधन विधेयक के विरोध में सपा ने वॉक आउट किया। उत्तर प्रदेश सुग्म्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक भी पास किया गया। इससे पहले सोमवार को विधानसभा में 10 विधेयकों के कानून बनने की सूचना दी गई। प्रमुख सचिव विधानसभा ने सदन को बताया कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के बाद श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास समेत 10 विधेयक कानून बन गए हैं। श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक अगस्त में पारित हुआ था। इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। मंजूरी मिलने के बाद ये अधिनियम बन गया है।
इसी तरह उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्विविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) (संशोधन) 2025, उत्तर प्रदेश लोक अभिलेख विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश विधानमंडल सदस्य तथा मंत्री सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधक (संशोधन) विधेयक 2025 और कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2024 शामिल हैं।

विभागीय अधिकारी अनुपस्थित, सतीश महाना ने नाराजगी जताई

उप्र. ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025 पेश किए जाने के दौरान कोई विभागीय अधिकारी मौजूद नहीं था। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया। सदन में विधेयक पेश होने के दौरान संबधित विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य है लेकिन कोई अफसर नहीं आया था। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस पर सख्त नाराजगी जताई और अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया।