(www.arya-tv.com)इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना को कंट्रोल करने के लिए बहुत पहले उत्तरप्रदेश (UP) के 5 शहरों में लॉकडाउन लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन तब जीविका बचाने का तर्क देकर योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी और लॉकडाउन नहीं लगाया था। लेकिन अब सरकार के पास लॉकडाउन का ही सहारा बचा है।
UP में शनिवार को मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ ने 24 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया। ऐसा 5वीं बार किया गया है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से लॉकडाउन की वजह से कोरोना के नए मरीजों की संख्या तेजी से कम हुई। पिछले 25 दिन में एक्टिव केस में करीब 46 हजार की कमी आई है। पहले 20 अप्रैल तक प्रदेश में 2,23,544 एक्टिव केस थे, तो वहीं लॉकडाउन के बाद 15 मई तक यह संख्या 1,77,346 पहुंच गई।
केस घटे, लेकिन मौत का आंकड़ा बढ़ा
सरकार ने जब वीकेंड लॉकडाउन से पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया तो उसके बाद अगले 10 दिनों (20 से 30 अप्रैल) के बीच 2,422 मौतें हुईं। पूर्ण लॉकडाउन लगाए जाने के बाद अगले 10 दिन (1 से 10 मई) में 3,087 मौतें हुईं। इसके अलावा कोरोना से होने वाली मौत का सच यूपी में गंगा (1140 किलोमीटर) किनारे के जिलों में बहती लाशें गवाही दे रही हैं। गांवों में जिनकी मौत हो रही है, उसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। सरकार के मुताबिक, शनिवार को पिछले 24 घंटे के अंदर 12,547 नए संक्रमित मिले और 28,407 मरीज ठीक हुए। जबकि 281 मौतें हुईं। राज्य में अब तक 17,238 की जान गई है।
लॉकडाउन के 10 दिन पहले और 10 दिन बाद राज्य में कोरोना के हालात
राज्य में 21 से 30 अप्रैल तक वीकेंड लॉकडाउन के बीच 3,44,508 कोरोना केस आए। जबकि 2,422 लोगों की मौत हुई। वहीं 1 से 10 मई तक लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में 2,73,882 नए कोरोना केस आए और 3,127 मौतें हुईं। दोनों आंकड़ों से साफ है कि कोरोना के नए मामले तो कम हो रहे हैं, लेकिन मौतें करीब डेढ़ गुना अधिक हो रही हैं।
प्रदेश में 6 शहर हैं हॉटस्पॉट, यहां नहीं सुधरे हालात
- लखनऊ: 20 से 30 अप्रैल तक लखनऊ में कोरोना के 48,917 नए मामले आए। इस दौरान 257 मौतें हुई। 20 अप्रैल तक लखनऊ में 52,376 केस एक्टिव थे, जो कि 15 मई तक 12,474 हो गए हैं। 1 से 10 मई तक लखनऊ में 23,672 नए मामले आए और मरने वालों की संख्या 325 पहुंच गई। लखनऊ में मरने वालों की संख्या 2,228 पहुंच गई है, जो राज्य में सबसे अधिक है।
- कानपुर नगर: कानपुर नगर में 20 से 30 अप्रैल तक 19,298 केस मिले और मौतें 165 हुईं। लेकिन कोरोना कर्फ़्यू के बाद 1 से 10 मई कानपुर में 9,277 केस मिले और मौत के आंकड़े 2 गुना बढ़कर 326 हो गए।
- बनारस: 20 से 30 अप्रैल तक प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में 19,372 कोरोना के केस आए। मौतें 127 हुईं। 1 से 10 मई तक 11,750 केस आए, मौतें 106 हुईं। आंकड़ों के हिसाब से बनारस में कोरोना के नए मामले और मरने वालों की संख्या में खासा असर नहीं दिखाई दिया।
- प्रयागराज: प्रयागराज में 20 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 14,769 केस आए, मौतें 139 हुईं। लॉकडाउन के बाद 1 से 10 मई तक 6216 केस आए और मौतें 88 रहीं।
- नोएडा: 20 से 30 अप्रैल तक 10 दिनों में 9,727 के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में मिले और मरने वालों की संख्या 101 रही। लॉकडाउन के बाद नोएडा में 1 से 10 मई तक 12,259 केस आए और मौतें 105 हुईं। आंकड़ों के हिसाब से नोएडा में मरने वालों की संख्या और एक्टिव केस में कोई खास कमी नहीं आई है।
- मेरठ: 20 से 30 अप्रैल तक मेरठ शहर में 14,150 केस आए, मौतें 47 हुईं। 1 से 10 मई तक मेरठ में 10 दिनों के अंदर 14,060 केस आए और मौतें 78 हुईं।