कोरोना की क्रूर दास्तान:लखनऊ में 4 सगे भाई सहित परिवार के 8 सदस्यों की 24 दिन में मौत, एक साथ हुई 5 की तेरहवीं

Health /Sanitation Lucknow

(www.arya-tv.com)कोरोना की दूसरी लहर ने कुछ परिवारों को जिंदगी भर न भुलाने वाला गम दिया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा ही परिवार है। कोविड महामारी इस परिवार के 7 सदस्यों को निगल गई। जबकि परिवार का एक बुजुर्ग एक साथ इतनी अर्थियों का दुख नहीं सहन कर सका तो उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

सोमवार को एक साथ 5 लोगों की तेरहवीं की गई। इनमें चार सगे भाई थे। परिवार में चार महिलाओं का सुहाग उजड़ गया।

लखनऊ से सटे इमलिया पूर्वा गांव निवासी ओमकार यादव के परिवार पर कोरोना की यह सबसे बड़ी त्रासदी है। ओमकार बताते हैं कि 22 अप्रैल से लेकर 15 मई तक परिवार के 8 लोगों की जान गई है। कोरोना ने पूरे परिवार को उजाड़ दिया।

4 दिन लगातार हुई मौतें
ओमकार यादव बताते हैं कि 24 दिन के भीतर उनकी बड़ी मां रूपरानी, मां कमला देवी, भाई विजय, विनोद, निरंकार और सत्यप्रकाश के अलावा बहन शैलकुमारी, मिथलेश कुमारी की मौत हुई है। 25 से 28 मई के बीच हर दिन एक सदस्य की मौत हुई। बड़ी मां रूपरानी को दिल का दौरा पड़ा था।

परिवार के इन सदस्यों की गई जान

नाम उम्र मौत की तारीख
मिथलेश कुमारी 50 22 अप्रैल
निरंकार सिंह यादव 40 25 अप्रैल
कमला देवी 80 26 अप्रैल
शैल कुमारी 47 27 अप्रैल
विनोद कुमार 60 28 अप्रैल
विजय कुमार 62 01 मई
रूपरानी 82 11 मई
सत्य प्रकाश 35 15 मई

ओमकार यादव का कहना है कि जब बड़े भाई कोरोना पॉजिटिव पाए गए तब से और आठ सदस्यों के खत्म होने तक किसी भी सरकारी विभाग से कोई नहीं आया। न ही कोरोना का टेस्ट हुआ था। हमने परिवार के सदस्यों को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। उसके बाद भी नहीं बचा पाए। गांव के मुखिया मेवाराम का कहना है कि इस भयावह घटना के बावजूद सरकार की तरफ से न ही कोई सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई और न ही कोरोना संक्रमण की जांच अभी तक की गई है। गांव में 50 लोग संक्रमित हुए थे। एसडीएम बीकेटी (लख़नऊ) विकास सिंह का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद एसडीएम और तहसीलदार की टीम मौके पर गई थी, संबंधित परिवार में कोरोना से जो भी डेथ हुई है उसके संबंध में रिपोर्ट भेजी गई है प्रशासन से जो मदद हो पाएगी वह कोविड प्रोटोकॉल के तहत दी जाएगी।