(www.arya-tv.com)शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को कौन नहीं जानता। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां केवल वाराणसी के ही नहीं बल्कि देश के लिए एक गौरव थे। लेकिन आज उनकी धरोहर खतरे में दिखाई दे रही है। उनके पैतृक मकान को तोड़ा जा रहा है। जिस कमरे में उस्ताद रियाज किया करते थे, उसे तोड़ दिया गया है। बताया जा रहा है कि उस जगह का रीकंस्ट्रक्शन कर अब वहां अपार्टमेंट बनाया जाएगा लेकिन उनकी बेटी ऐसा नहीं चाहती हैं। वह चाहती हैं कि उनके पिता का कमरा वैसा ही दिखे जैसा पहले था।
- बिस्मिल्लाह खां की बेटी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए
- वहीं उनके बेटे ने कहा कि माली हालत खराब है, इसीलिए ऐसा कर रहे हैं
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का पैतृक आवास शहर के हड़हा सराय स्थित भीखा शाह लेन में हैं। इस मकान में के सबसे ऊपर बने कमरे में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां नमाज़ के बाद रियाज़ करते थे। यह कमरा आज भी भारत की महत्वपूर्ण धरोहर है। अब इस धरोहर को 12 अगस्त की रात से क्षेत्र के एक बिल्डर द्वारा कमर्शियल बिल्डिंग बनाये जाने एक लिए तोड़ा जा रहा है।शहनाई सम्राट भरता रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि आगामी 22 अगस्त को है।
रिकंस्ट्रक्शन के मकसद से तोड़ा जा रहा है घर
उस्ताद के मकान को इन दिनों उनके घर के ही लोग रिकंस्ट्रक्शन के उद्देश्य से बिल्डर के माध्यम से तोड़वा रहे हैं। इस रिकंस्ट्रक्शन के नाम पर परिजनों ने उस्ताद के उस कमरे को सबसे पहले धराशाई करना शुरू कर दिया है जिसमें वो रियाज़ करते थे और रहते थे। ऐसे में उनकी बेटी जरीना (बिस्मिल्लाह खान की बेटी) बेहद खफा वो चाहती है जैसा उनका कमरा था उसे वैसे ही रखा जाये।दूसरी तरफ कमरा तोड़े जाने से खान साहब की चारपाई जिस पर वो विश्राम किया करते थे उसे उनकी नवासी ने किसी तरफ संभाल कर अपने कमरे में रखवाया है।
दूसरी तरफ खां साहब का बेटा काजिम हुसैन (बिस्मिलाह खान का बेटा) बताते है की उनकी माली हालत खराब है और घर की भी हालत खराब है। इसलिए हम इस घर को तोड़कर बनना चाहते है। कमर्शियल बिल्डिंग बनाना चाहते है ताकि हमारी कुछ आमदनी हो सके उनका ये भी कहना है की हम अब्बा के नाम पर ऊपर संग्रहालय भी बनवा देंगे ।