गल्फ में रूस-ईरान को जवाब की तैयारी:एडवांस्ड फाइटर जेट F-35 और वॉरशिप तैनात करेगा US

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(www.arya-tv.com) गल्फ रीजन में चीन, रूस और ईरान लगातार अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब अमेरिका ने इन्हें जवाब देने की तैयारी कर ली है। इसी हफ्ते अमेरिका का सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट F-35 इस क्षेत्र में तैनात किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- पेंटागन में हाईलेवल मीटिंग के बाद फैसला किया गया है कि न सिर्फ F-35 बल्कि एक न्यूक्लियर वॉरशिप और नेवी डेस्ट्रॉयर भी यहां मौजूद रहेगा। चीन ने दो महीने पहले सऊदी अरब और ईरान के डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल कराए थे। इसके बाद से वो गल्फ में पकड़ मौजूद करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है।

सीरिया में नए टकराव की आशंका

  • पिछले दिनों रूस के फाइटर जेट्स ने ईरान और सीरिया के करीब कई उड़ानें भरी थीं। इसके बाद ईरान के कमर्शियल फ्यूल टैंकर्स को सिक्योरिटी कवर भी दिया था। चीन की नेवी और एयरफोर्स भी यहां एक्टिविटीज बढ़ा रही है। अब अमेरिका ने इनसे निपटने की स्ट्रैटेजी पर अमल शुरू कर दिया है।
  • इसके तहत F-35 की एक स्क्वॉड्रन गल्फ में तैनात की जा रही है। इसके अलावा नेवी का एक डेस्ट्रॉयर और एक वॉरशिप भी यहां के लिए रवाना हो चुके हैं। जॉर्डन से F-22 स्टील्थ फाइटर जेट्स भी भेजे गए हैं। ये पहले यूरोप में तैनात थे। अमेरिका को लगता है कि सीरिया के बहाने रूस, चीन और ईरान उसके खिलाफ नया मोर्चा गल्फ में खोल रहे हैं। लिहाजा, पेंटागन ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है।
  • पेंटागन की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी सबरीना सिंह ने सोमवार को कहा- ये बात सही है कि हम गल्फ में F-35 और वॉरशिप डिप्लॉय कर रहे हैं। एक स्क्वॉड्रन मंगलवार को पहुंच जाएगी।

    बहरीन में वॉरिशप
    पिछले हफ्ते अचानक अमेरिकी नेवी ने बहरीन के कोस्टल एरिया में एक्टिविटीज काफी बढ़ा दी थीं। माना जा रहा है कि यह कुछ अहम इंटेलिजेंस इनपुट्स के बाद लिया गया फैसला था। अमेरिका ने यहां USS थॉमस हुडनर किया है। इसके अलावा नेवी की पांचवी फ्लीट भी यहीं मौजूद है। यह वो इलाका है, जहां से स्वेज नहर गुजरती है और चीन इस पर पूरी तरह दबदबा कायम करना चाहता है।

    ईरान से लगी फारस की खाड़ी में अमेरिकी F-16 भी उड़ान भर रहे हैं। अभी इस इलाके में इजराइल एक्शन में नहीं आया है। ईरान ने मई से लेकर जुलाई तक पनामा के तीन ऑयल टैंकर सीज किए हैं। इसके बाद गल्फ देशों और खासकर UAE ने कहा था कि अमेरिका इस इलाके के समुद्री क्षेत्र की हिफाजत के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रहा है।