
पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा, “हाल ही में मैंने तेहरान जाने और वहां की जनता से सीधे बात करने की पेशकश की थी। इस प्रस्ताव को ईरान ने मंजूरी नहीं दी।”
ईरान के तथ्यों में सच्चाई नहीं
पोम्पियो ने कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अली खमनेई के प्रशासन द्वारा जो तथ्य बताए जा रहे हैं, उनमें सच्चाई नहीं है। वो मुझे अपना विचार क्यों नहीं बताते? क्या होगा जब उनके लोग सच्चाई जान जाएं। हमारे यहां बातचीत की खुली आजादी है।
बढ़ता जा रहा खतरा
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने इस तनाव को देखते हुए संयुक्त कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) के सभी सदस्यों की बैठक बुलाने का आह्वान किया था। इन देशों का कहना है कि अमेरिका के ईरान पर प्रतिबंध लगाने और ईरान द्वारा समझौते के प्रावधानों को तोड़ने की वजह से खतरा बढ़ रहा है।
इस शर्त पर बातचीत के लिए तैयार ईरान
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि अगर अमेरिका सारे प्रतिबंध हटा देता है तो वह बातचीत के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि अमेरिका धमकी देना बंद करे और ईरान ने अब संयम छोड़कर जवाबी कार्रवाई की नीति को अपना लिया है। उनका कहना है कि परमाणु कार्यक्रम से जुड़े किसी भी कदम का सख्ती से जवाब दिया जाएगा।