ताइवान को लेकर चीन के साथ जंग की तैयारी में US, जानें क्या है पूरा मामला

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(www.arya-tv.com) अमेरिका में राष्‍ट्रप‍ति बाइडन के सत्‍ता संभालने के बाद चीन ने ताइवान पर आक्रामक रुख अपनाया। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक महीने में चीन ने करीब 150 बार ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्‍लंघन किया है। बाइडन प्रशासन हर बार चीनी आक्रामकता को नजरअंदाज करता रहा है। चीन ने ताइवान को कई बार स्‍पष्‍ट धमकी दी।

खासकर अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग ताइवान पर तंज कसते हुए चेतावनी दी थी। बाइडन प्रशासन ने पहली बार ताइवान को लेकर अपने स्‍टैंड को क्लियर किया। आखिर राष्‍ट्रपति बाइडन के इस धमकी के क्‍या है मायने ? अब क्‍या करेगा चीन ? क्‍या ताइवान को लेकर चीन के नजरिए में बदलाव आएगा। इन तमाम सवालों को लेकर क्‍या राय रखते हैं प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख)। जानें उन्‍हीं की जुबानी।

चीन ताइवान को क्‍यों धमकाता है

दरअसल, वर्ष 2005 में चीन ने एक अलगाववादी विरोधी कानून पारित किया था। इस कानून के तहत चीन ताइवान को बलपूर्वक मिलाने का हक रखता है। इस कानून की आड़ में चीन कई बार ताइवान को धौंस देता रहा है। हालांकि, वह अभी तक ताइवान को मिलाने में नाकाम रहा है।

इस कानून के तहत यदि ताइवान अपने आप को स्‍वतंत्र राष्‍ट्र घोषित करता है तो चीन की सेना उस पर हमला कर सकती है। हालांकि, कई साल के तनाव और धमकियों के बाद ताइवान ने अपनी आजादी कायम रखी है। चीन की सरकार बार-बार कहती रही है कि वह ताइवान को ताकत के दम पर चीन में मिला लेगा। इन धमकियों के बावजूद चीन आज तक ताइवान के खिलाफ सैन्‍य कार्रवाई नहीं कर पाया।