(www.arya-tv.com) प्रयागराज में करछना तहसील के वकीलों ने सोमवार दोपहर से थाने का घेराव किया है। अधिवक्ता दो जुलाई को तहसील बार एसोसिएशन के महामंत्री के भतीजे समेत दो लोगों के खिलाफ सिपाही के साथ अभद्रता को लेकर हुई गिरफ्तारी से नाराज हैं। अधिवक्ताओं का आरोप है कि करछना थाने की पुलिस जगह जगह वाहन चेकिंग के नाम पर लोगों से अवैध वसूली कर रही है। विरोध करने पर लोगों से मारपीट और अभद्रता की जाती है। वकीलों के हंगामे की सूचना के बाद एसीपी करछना मौके पर पहुंच गए है। हंगामा अभी जारी है।
यमुनानगर के करछना थाना क्षेत्र के साधु कुटी चराहे पर रविवार शाम पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी। उसी समय उधर से अंगद सिंह पुत्र धीरेंद्र प्रताप सिंह निवासी हिंदूपुर करछना अपनी मां सुनीता सिंह को लेकर मोटरसाइकिल से निकला। पुलिस वालों ने उसे रोक लिया और गाड़ी का कागजात मांगा। सुनीता सिंह के मुताबिक उनके बेटे अंगद ने सिपाही चंद्रशेखर और होमगार्ड रामकृष्ण को गाड़ी के कागजात दिए। गाड़ी के कागजात लेने के बाद सिपाही ने एक हजार रुपए की मांग की।
जब अंगद ने मना किया तो सिपाही ने अंगद को थाने चलने के लिए कहा। अंगद ने कहा कि जब उसके डॉक्यूमेंट पूरे है, तो क्यों थाने जाएं। बस इसी बात पर सिपाही गाली गलौज करने लगा। जब अंगद ने विरोध किया तो सिपाही और होमगार्ड मिलकर उसके गाड़ी के कागजात फाड़ दिए और अंगद सिंह को पीटने लगे। मां सुनीता सिंह ने बेटे को बचाने का प्रयास किया तो पुलिस वालों ने उनके साथ भी अभद्रता की और धक्का दिया। इस दौरान वहां मौजूद करछना तहसील बार एसोसिएशन के महामंत्री हंसराज सिंह के भतीजे सौरभ सिंह पहुंच गए। उन्होंने बीच-बचाव का प्रयास किया।
आरोप है कि इससे पुलिस वाले और बौखला गए। उसी बौखलाहट में सौरभ सिंह के साथ भी मारपीट की और अन्य पुलिस वालों को बुलाकर जबरदस्ती अंगद सिंह और सौरभ सिंह को थाने उठा ले गए। सुनीता सिंह के मुताबिक पुलिस वाले उनके बेटे और सौरव सिंह के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कर कानूनी रूप से फंसाना चाहते हैं, ताकि उन्होंने जो किया, उस पर पर्दा डाला जा सके। दूसरी तरफ सुनीता सिंह की तरफ से जो तहरीर थानाध्यक्ष करछना के नाम से दी गई। उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसकी जानकारी जब महामंत्री हंसराज सिंह समेत अन्य अधिवक्ताओं को हुई तो 3 जुलाई को दोपहर में करीब 11:30 बजे अधिवक्ताओं ने करछना थाने का घेराव करके नारेबाजी शुरू कर दी। अधिवक्ताओं का हुजूम देख पुलिस वालों की सांस उखड़ गई। पता चलने पर एसीपी करछना संतोष कुमार मौके पर पहुंच गए। अधिवक्ताओं को शांत कराने का प्रयास जारी है,लेकिन अधिवक्ता किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हैं।
दूसरी तरफ इंस्पेक्टर करछना नरेंद्र प्रसाद का कहना है कि जिस सिपाही के साथ मारपीट की गई है। उसने दोनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसलिए उनकी गिरफ्तारी करके उनका चालान किया जा रहा है। इसी बात से अधिवक्ता नाराज हैं और थाने आकर हंगामा कर रहे हैं। बातचीत चल रही है।