(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग के लगातार बढऩे के कारण उत्पादन बढ़ाना समय की मांग हो गई है। केंद्र सरकार फिलहाल बिजली उत्पादन बढ़ाने के मामले में कोयला आधारित बिजली पर ही निर्भरता बनाए हुए है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर ही जोर है। संभावना है कि अगले दो वर्षों में ही सबसे ज्यादा कोयला आधारित बिजली बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर आ जाएगा। अभी इस मामले में यूपी तीसरे स्थान पर है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में 23069 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ तीसरे स्थान पर है। इस मामले में देश में सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने वाला प्रदेश महाराष्ट्र है। जहां कोयले पर आधारित स्थापित इकाइयों की क्षमता 24966 मेगावाट है।
बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर
यूपी में बिजली की मांग लगातार नए रिकार्ड बना रही है। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के अनुसार बीते 18 सितंबर 2020 को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 23917 मेगावाट तक पहुंच गई थी। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश 23 हजार मेगावाट से ज्यादा मांग वाला दूसरा प्रदेश बना। संभावना है कि नए वित्त वर्ष में बिजली की अधिकतम मांग 25 हजार मेगावाट तक पहुंच जाए। अभी तक किसी एक दिन सबसे अधिक मांग का रिकार्ड महाराष्ट्र का है। महाराष्ट्र में 22 अक्टूबर 2018 को मांग 24966 मेगावाट दर्ज की गई थी। यूपी में बिजली की बढ़ती मांग के कारण 2020 में आपूर्ति का भी नया रिकार्ड बनाया गया। बीते 16 सितंबर 2020 को रिकार्ड 23867 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई।