कोयला आधारित बिजली बनाने में अव्वल प्रदेश बनेगा यूपी

Varanasi Zone

(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग के लगातार बढऩे के कारण उत्पादन बढ़ाना समय की मांग हो गई है। केंद्र सरकार फिलहाल बिजली उत्पादन बढ़ाने के मामले में कोयला आधारित बिजली पर ही निर्भरता बनाए हुए है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर ही जोर है। संभावना है कि अगले दो वर्षों  में ही सबसे ज्यादा कोयला आधारित बिजली बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर आ जाएगा। अभी इस मामले में यूपी तीसरे स्थान पर है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में 23069 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ तीसरे स्थान पर है। इस मामले में देश में सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने वाला प्रदेश महाराष्ट्र है। जहां कोयले पर आधारित स्थापित इकाइयों की क्षमता 24966 मेगावाट है।

दूसरे नंबर पर 23688 मेगावाट के साथ छतीसगढ़ है। आगामी वित्तीय वर्ष में ओबरा सी की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई से उत्पादन शुरू हो जाएगा। जिसके बाद यूपी दूसरे स्थान पर आ जाएगा। इसके बाद वित्त वर्ष 22-23 में ही ओबरा सी की दूसरी इकाई सहित अन्य निर्माणाधीन इकाइयां भी उत्पादनरत होंगी, जिसके बाद यूपी कोयला आधारित बिजली के मामले में पहले नंबर पर आ जाएगा।
दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की क्षमता में 6225 मेगावाट की वृद्धि की जा रही है। विस्तारीकरण के तहत ओबरा सी में 1320 मेगावाट, हरदुआगंज में 660 मेगावाट एवं पनकी में 660 मेगावाट क्षमता की नई इकाइयां निर्माणाधीन हैं। जवाहरपुर,एटा में 1320 मेगावाट क्षमता के नये विविद्युतघर का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा संयुक्त उपक्रम के तहत मेजा में एनटीपीसी के साथ 1320 मेगावाट तथा घाटमपुर में एनएलसी के साथ 1980 मेगावाट के नये विद्युतघर का निर्माण चल रहा है। इन इकाइयों की स्थापना के बाद यूपी की स्थापित क्षमता 30 हजार मेगावाट से ज्यादा हो जाएगी। 

बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर 

यूपी में बिजली की मांग लगातार नए रिकार्ड बना रही है। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के अनुसार बीते 18 सितंबर 2020 को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 23917 मेगावाट तक पहुंच गई थी। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश 23 हजार मेगावाट से ज्यादा मांग वाला दूसरा प्रदेश बना। संभावना है कि नए वित्त वर्ष में बिजली की अधिकतम मांग 25 हजार मेगावाट तक पहुंच जाए। अभी तक किसी एक दिन सबसे अधिक मांग का रिकार्ड महाराष्ट्र का है। महाराष्ट्र में 22 अक्टूबर 2018 को मांग 24966 मेगावाट दर्ज की गई थी। यूपी में बिजली की बढ़ती मांग के कारण 2020 में आपूर्ति का भी नया  रिकार्ड बनाया गया। बीते 16 सितंबर 2020 को रिकार्ड 23867 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई।