(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश की 7 सीटों पर आज यानी मंगलवार को तीन नवंबर को हुए उपचुनाव का परिणाम आ गया। सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हुई। शुरुआत में बैलट पेपर की गिनती हुई है। इसके बाद ईवीएम से गणना चली। इसी के साथ 88 कैंडिडेट्स की किस्मत का फैसला हो गया। मतगणना स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
बता दें कि, इन 7 सीटों पर कुल 53.62% मतदान हुआ था, जबकि 2017 में इन्ही 7 सीटों पर 63.90% वोटिंग हुई थी। यानि 2017 के मुकाबले इस उपचुनाव में लगभग 12.63 फीसद कम वोट पड़े हैं। 2017 में इन 7 सीटों में से 6 पर भाजपा का कब्जा था, जबकि 1 सीट सपा के खाते में गयी थी।
बदलाव की बयार नहीं बही
7 सीटों पर हुए उपचुनाव को जहां भाजपा ने आम चुनावों की तरह लड़ा तो वहीं, विपक्ष केवल प्रदेश स्तर और स्थानीय नेताओं के भरोसे रहा। हालांकि जानकर इसके कई अलग कारण गिनाते हैं। लेकिन जानकार यह भी मानते हैं कि इस उपचुनाव के रिजल्ट में सीएम योगी के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी शामिल होगा। हालांकि मतदान प्रतिशत देख कर यही कहा जा सकता है कि बदलाव की लहर नहीं दिखी है।
इन दो सीट पर रहेगी सबकी नजर
उपचुनाव 7 सीटों पर हुए हैं। लेकिन जौनपुर की मल्हनी और उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर सबकी नजर है। दरअसल, जौनपुर की मल्हनी सीट इसलिए खास है, क्योंकि वहां सपा के विधायक पारसनाथ यादव के आकस्मिक मौत के बाद खाली हुई है। जिस पर सपा ने उनके बेटे लकी यादव को उतारा था। लेकिन यहां लड़ाई भाजपा से नहीं बाहुबली धनंजय सिंह से है। इसलिए यह सीट खास हो गयी है। जबकि उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर पहली बार 2017 में कुलदीप सेंगर ने भाजपा का झंडा लहराया था। लेकिन रेप केस में दोषी सिद्ध होने पर उनकी विधायकी चली गयी है और भाजपा ने टिकट बंटवारे में भी परिवार से दूरी बना ली है। सेंगर समर्थक भाजपा से नाराज भी हैं, ऐसे में सब यही जानना चाहते हैं कि इस सीट से कौन जीतेगा?