(www.arya-tv.com) बीते 1 साल में ऐसे ही कई मामले सामने तो आए, लेकिन सरकार का विश्वास उन अधिकारियों पर बना रहा जिनकी सीधी जवाबदेही जनता को रही है। भले ही जनता का विश्वास उन अधिकारियों से उठ गया है। हम जिले के डीएम और एसपी की बात कर रहे हैं जिनकी सीधी जिम्मेदारी जिले में होने वाली घटना की होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकार इन जिम्मेदारों पर सीधे कार्रवाई से डरती है या फिर सरकार की साख ख़राब न हो इससे सरकार कार्रवाई से बचती है।
अभी तक चुप्पी साधे हुए है सरकार
यूपी TET का पेपर लीक होने की वजह से पेपर रद्द कर दिया गया है। इस मामले की जांच STF को सौंपी गई है। अभी तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, जीरो टॉलरेंस की दुहाई देने वाली सरकार जिम्मेदारों पर कार्रवाई से बच रही है। यूपी TET ऐसा पहला मामला नहीं है जब दो दिन बीत जाने के बाद भी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई हैपी टीईटी पेपर लीक मामले के सीधे जिम्मेदारों पर भी सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुए है। इस पेपर लीक में डायरेक्टर, परीक्षा नियामक से लेकर डीआईओएस और संबंधित जिले के डीएम और एसपी तक जिम्मेदार हैं, लेकिन दो दिन बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि, ऐसा क्यों है, यह अभी तक सरकार की तरफ से नहीं बताया गया है।
लखीमपुर हिंसा ,मनीष गुप्ता हत्याकांड ,अरुण वाल्मीकि हत्या कांड ,अलीगढ शराब कांड ,हाथरस रेप मर्डर केस, आदि ऐसे ही कांड हैं जिस पर अभी तक जिम्मेदार अफसरों पर कोइ कारवाही नहीं हुई है ;