शिक्षक अधिकार स्वरूप नहीं कर सकते तबादले की मांग-तबादला नीति पर हाईकोर्ट का आदेश

# ## Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग ने 2 जून 2023 को जारी तबादला नीति को वैध करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि ‘’ शिक्षक अधिकार स्वरूप तबादलों की मांग नहीं कर सकते। बेसिक एजुकेशन बोर्ड ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर बनाई गई नीति उचित है और इसमें कोई त्रुटि या कमी नहीं है।’’ यह आदेश जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डबल बेंच ने याची कुलभूषण मिश्रा व अन्य की याचिका पर दिया है।

शासनादेश के क्लाज 1 और 15 को दी गई थी चुनौती

2 जून 2023 को जारी शासनादेश के क्लाज 1 व 15 को गलत बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकार द्वारा जारी शिक्षकों की तबादला नीति को चुनौती दी गई थी। 6 जून 2023 को जारी सर्कुलर को भी चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग उठाई गई थी। याची शिक्षकों का कहना था कि ट्रांसफर पॉलिसी में 5 साल की सेवा की अनिवार्यता को रद्द किया जाना चाहिए। उनका तबादला यूपी बेसिक शिक्षा टीचर सेवा नियमावली 1981 के नियम 21 के अनुरूप बनाए गए प्रावधानों के तहत होना चाहिए।

शिक्षक तबादले की मांग अधिकार स्वरूप नहीं कर सकता

बेसिक एजुकेशन बोर्ड की तरफ से बहस वकील अर्चना सिंह ने की। उन्होंने याचिका का विरोध किया और अपनी दलील में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एसके नौशाद रहमान केस में दिए गए फैसले के अनुसार कोई भी शिक्षक तबादले की मांग अधिकार स्वरूप नहीं कर सकता। शिक्षकों के लिए जारी 2 जून 2023 की तबादला पॉलिसी में कोई गड़बड़ी या खामी नहीं है। बोर्ड की तरफ से कोर्ट को आश्वासन दिया गया कि अंतर जनपदीय तबादला के लिए शीघ्र ही ऑनलाइन अर्जी स्वीकार होगी। इससे सहायक अध्यापकों के दावों पर विचार किया जाएगा।

म्युचुअल ट्रांसफर के लिए 6 सप्ताह में ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने का आदेश

याची की नियुक्ति 10 मार्च 2019 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशाम्बी के ब्लॉक नेवादा में की गई है। याची संख्या 2 की नियुक्ति बतौर शिक्षक ब्लॉक धनूपुर प्रयागराज में की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षकों के आपसी तबादलों (म्युचुअल ट्रांसफर) के लिए बोर्ड ऑनलाइन पोर्टल 6 सप्ताह में शुरू किया जाना चाहिए।

पात्र शिक्षकों के आवेदनों पर विचार करते हुए कानून के मुताबिक ट्रांसफर कर दिया जाए। शिक्षकों ने शासनादेश के उस प्रावधान को चुनौती दी थी, जिसमें यह शर्त है कि सामान्य स्थिति में पुरुष टीचरों के लिए 5 वर्ष तथा महिला टीचरों के लिए 2 साल सेवा के बाद तबादला अर्जी पर विचार होगा।

30 जून तक होंगे शिक्षकों के तबादले

यूपी सरकार ने सत्र 2023-2024 के लिए तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। विभागीय मंत्री की अनुमति से विभागाध्यक्ष 30 जून 2023 तक तबादले कर सकेंगे। सभी वर्गों के अधिकारियों व कर्मचारियों के 10 वा अधिकतम 20 फीसदी तक तबादले किए जा सकेंगे। जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल तक तैनात रहने वाले शिक्षक और अधिकारी इसके दायरे में आएंगे। नई तबादला नीति से उत्तर प्रदेश के लगभग 15 लाख अधिकारी कर्मचारी व शिक्षक प्रभावित होंगे। तबादले के लिए 3 साल और 7 साल की गिनती के लिए कटऑफ की डेट 31 मार्च निर्धारित की गई है।

स्थानांतरण सत्र के समाप्त होने के बाद समूह ग व घ के कर्मियों का तबादला विभागीय मंत्री की अनुमति से किया जा सकेगा। इस तबादला नीति में चलने फिरने में लाचार बच्चों के अभिभावकों को भी शामिल किया गया है। अभी तक केवल मंदबुद्धि वाले बच्चों के अभिभावक ही इस दायरे में आते थे।