(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशी उतरने के बाद अब 27 फरवरी को निर्वाचन की प्रक्रिया होगी. इस बीच समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों, विधायकों को अपने साथ लाने की जुगत लगा रहे हैं. खबर है कि सपा ने रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से राज्यसभा चुनाव में समर्थन मांगा है. सूत्रों का दावा है कि सपा ने राजा भैया के दो विधायकों यानी एक तो खुद रघुराज प्रताप सिंह और दूसरा विनोद सोनकर, दोनों से राज्यसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगा है.
राजा भैया क्या सपा के लिए बनेंगे गेम चेंजर?
बताया जा रहा है कि कुल चार विधायक राजा भैया के संपर्क में हैं. दो उनकी पार्टी के हैं. वहीं एक बीएसपी और एक कांग्रेस विधायक हैं. दावा है कि राज्यसभा चुनाव में ये चारों विधायक उनके कहने पर समर्थन दे सकते हैं. बता दें कि बीजेपी तरफ से 8 और समाजवादी पार्टी की तरफ से 3 उम्मीदवार मैदान में हैं. तीनों उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए सपा को कुल 111 वोट चाहिए. सपा विधायक पल्लवी पटेल तीन प्रत्याशियों को वोट नहीं देने की बात कही थी. उन्होंने सपा के बनाए गए उम्मीदारों पर सवाल उठाए थे. पल्लवी की बगावत और सपा के छिपे हुए सहयोगियों से बीजेपी को आस है.
8वें प्रत्याशी से राज्यसभा चुनाव हुआ रोचक
सपा भी जेल में बंद तीन विधायकों रमाकांत यादव, इरफान सोलंकी और अब्बास अंसारी पर डोरे डाल रही है. सदन में बीजेपी के विधायकों की संख्या 252 है. सहयोगियों से 34 विधायक और बीजेपी को मिल जाते हैं. अपना दल के 13, राष्ट्रीय लोक दल के 9, निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6-6 विधायक शामिल हैं. नामांकन के आखिरी दिन यानी 15 फरवरी को बीजेपी ने राज्यसभा के लिए 8वें उम्मीदवार संजय सेठ को उतार दिया. यूपी में राज्यसभा की एक सीट को जीतने के लिए 37 वोटों की आवश्यकता है. इंडिया गठबंधन से नाता तोड़ एनडीए खेमे में आनेवाले जयंत चौधरी के सामने 9 विधायकों का वोट बीजेपी उम्मीदवार को दिलाने की चुनौती होगी. कुल मिलाकर राज्यसभा चुनाव में खेला होना तय माना जा रहा है.