पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रति​बंध लगाने की सिफारिश की यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने

Lucknow UP

लखनऊ।(www.arya-tv.com)  उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। प्रदेश भर में हिंसा में पीएफआई के शामिल होने के सबूतों के बाद डीजीपी मुख्यालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश गृह विभाग को भेजा है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सक्रिय हाथ होने के बाद अब इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। उधर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने साफ कहा कि उत्तर प्रदेश को हिंसा की आग में जलाने वाले संगठन पर शीघ्र ही प्रतिबंध लगना चाहिए। ओपी सिंह ने कहा कि पीएफआई से जुड़े लोगों के पास आपत्तिजनक सामग्री मिली है। ओपी सिंह की यह सिफारिश उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग को मिल गई है। अब गृह विभाग इस सिफारिश को आगे केंद्र सरकार के पास भेजेगा।

डीजीपी मुख्यालय ने अपनी सिफारिश में पीएफआई के बारे में लिखा है कि इसमें इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया यानि सिमी के ज्यादातर सदस्य जुड़ गए हैं। संगठनों के लोगों के पास से पूरे राज्य में आपत्तिजनक साहित्य और सामग्री बरामद की गई है। यूपी की हिंसा में पकड़े गए कई लोगों के संबंध पीएफआई से निकले हैं। इस हिंसा के दौरान पीएफआई के कई सदस्य पकड़े गए। यह लोग हिंसा में शामिल होने के साथ हिंसा फैलाने वालों की मदद कर रहे थे।

लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों की पहचान पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस बात का दावा भी किया था कि लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार (19 दिसंबर) को हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है। सीएए पर देश में भड़की हिंसा में कई जगहों पर इस संगठन के कार्यकर्ता शामिल थे। इससे से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बैठक की थी।