यूपी में लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री को मिलेगा नया आयाम, योगी सरकार लाई नई पॉलिसी का ड्राफ्ट

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 उत्तर प्रदेश में अब लेदर और फुटवियर के कारोबार को नई उड़ान मिलने वाली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने नई ‘उत्तर प्रदेश लेदर एंड फुटवियर पॉलिसी-2025’ का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. जल्द ही इस नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है. इस नीति का मकसद है – यूपी में चमड़ा और जूता-चप्पल उद्योग को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करना और एक्सपोर्ट को कई गुना बढ़ाना.

नई नीति के तहत 25 से 100 एकड़ जमीन पर लेदर पार्क लगाने वाले निवेशकों को 45 करोड़ रुपए तक और 100 एकड़ से अधिक जमीन पर प्रोजेक्ट लगाने वालों को 80 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी. इसके साथ ही जमीन खरीद पर 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की छूट भी दी जाएगी. शर्त ये है कि डेवलपर्स को 5 साल के भीतर पार्क तैयार करना होगा और कुल क्षेत्रफल का 25% हिस्सा हरियाली और बेसिक सुविधाओं के लिए सुरक्षित रखना होगा.

प्रदेश बनेगा ‘उद्यम प्रदेश’, लाखों को मिलेगा रोजगार

सरकार का लक्ष्य है कि इस नीति के तहत हर 1 करोड़ रुपये के निवेश पर 20 लोगों को रोजगार मिले. स्टैंडअलोन लेदर-फुटवियर यूनिट्स, मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग और मेगा प्रोजेक्ट्स में 50 से 150 करोड़ तक का निवेश होगा, जबकि बड़े क्लस्टर और पार्क्स के लिए 150 से 200 करोड़ रुपये तक का निवेश तय किया गया है. इससे 1000 से 3000 तक रोजगार के अवसर हर यूनिट से पैदा हो सकेंगे.

कानपुर, आगरा और उन्नाव को मिलेगा विशेष लाभ

यूपी का चमड़ा और फुटवियर कारोबार पहले से ही देश में बड़ा नाम रखता है. देश के कुल लेदर एक्सपोर्ट में 46 फीसदी हिस्सेदारी यूपी की है. आगरा को “फुटवियर कैपिटल”, कानपुर को “सेफ्टी शू और लेदर एक्सेसरीज हब” और उन्नाव को “टेनरी बेल्ट” के तौर पर जाना जाता है. यहां 200 से ज्यादा टेनरियां पहले से काम कर रही हैं. अब इस नीति से इन शहरों के साथ-साथ लखनऊ और बरेली जैसे उभरते क्षेत्रों को भी बड़ा फायदा होगा.

तमिलनाडु के बाद यूपी बना दूसरा राज्य

देश में अभी तक सिर्फ तमिलनाडु ही ऐसा राज्य था जिसकी खुद की लेदर-फुटवियर नीति थी. अब उत्तर प्रदेश भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है. ये नीति न सिर्फ उद्योगपतियों को आकर्षित करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी’ बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी.

सरकार देगी हर संभव मदद

नई नीति के तहत सरकार पार्क बनाने वालों को सिर्फ सब्सिडी नहीं देगी, बल्कि बिजली, पानी, सड़क जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी. इस नीति से यूपी में एक नया औद्योगिक माहौल बनेगा, जिससे देश-विदेश के निवेशकों का भरोसा और मजबूत होगा. योगी सरकार का ये कदम प्रदेश के चमड़ा और फुटवियर उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने वाला साबित हो सकता है.