उत्तर प्रदेश सरकार नेपाल हिंसा का फायदा उठाकर वहां की जेलों से फरार हुए कैदियों को वापस भेजेगी। इन कैदियों को सुरक्षा तंत्र ने यूपी-नेपाल बॉर्डर पर दबोचा था। नेपाल के भगोड़े कैदी उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड के बॉर्डर से सटे जिलों से गिरफ्तार हुए हैं। ये ऐसे कैदी हैं जो मादक पदार्थों के तस्करी सहित विभिन्न अपराधों में वहां की जेलों में बंद थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पकड़े गए इन कैदियों को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। स्पष्ट किया गया है कि ऐसे कैदियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा और इन्हें बॉर्डर से ही वापस नेपाल भेज दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में निगरानी के दौरान एसएसबी और पुलिस ने करीब एक दर्जन ऐसे कैदियों को गिरफ्तार किया है, जो नेपाल की जेल में बंद थे और उन पर कई संगीन मामले नेपाल में दर्ज हैं।
ऐसे कैदियों को प्रदेश में प्रवेश देना है या नहीं, अगर देना है तो इन्हें इनके घर जाने दिया जाए या कहीं और भेजा जाए, इसको लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से गाइडलाइन मांगी थी। इंटेलिजेंस ब्यूरो के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पकड़े गए इन कैदियों को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इन कैदियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा और इन्हें बॉर्डर से ही वापस नेपाल भेज दिया जाएगा। गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड सरकारों को इस संबंध में स्पष्ट सूचना भेज दी है।
यूपी-नेपाल सीमा पर हालात सामान्य की ओर
उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पर हालात सामान्य होने लगे हैं। बॉर्डर खोल दिया गया है जिससे दोनों तरफ के नागरिकों व मालवाहक वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। सख्त जांच के बाद ही सभी को आगे भेजा जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। इस बीच सीमा पर लगी ट्रकों की कतार भी लगभग समाप्त हो गई। नेपाल में उपद्रव और बॉर्डर सील होने के कारण व्यापारिक गतिविधियां पांच दिन तक ठप रहीं। फिलहाल आवागमन शुरू होने से बॉर्डर पर रौनक लौटी नजर आ रही है।