(www.arya-tv.com) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की जमानत याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी। दोनों नेता साल 2016 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह की नाबालिग पुत्री व उनके परिवार की महिलाओं के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोपी हैं। कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था, संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए थे। इसके बाद 19 जनवरी को नसीमुद्दीन व राम अचल ने कोर्ट में सरेंडर किया था। बता दें कि दयाशंकर सिंह, प्रदेश सरकार में मंत्री स्वाती सिंह के पति हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने आरोप लगाया था कि 20 जुलाई, 2016 को बसपा अध्यक्ष मायावती ने राज्य सभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू व नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी व अपशब्द कहे। जबकि इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर व मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को गालियां दीं तथा अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया। दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए जो बलात्कार की श्रेणी में आते हैं।
22 जुलाई 2016 को दर्ज हुई थी FIR
भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की मां ने 22 जुलाई 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। 12 जनवरी, 2018 को इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ IPC की धारा 506, 509, 153A, 34, 149 व पाक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस मामले में नसीमुद्दीन और राम अचल राजभर के साथ ही बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, नौशाद अली व अतहर सिंह राव आरोपी हैं।