चुनाव टालने की सलाह देने वाले जज जस्टिस शेखर यादव पहले भी रहे चर्चा में

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(www.arya-tv.com)यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अचानक से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव का सुझाव चर्चा में आ गया है। कोरोना का हवाला देते हुए उन्होंने भारत सरकार और चुनाव आयोग को सलाह दी है कि क्यों न चुनाव टाल दिए जाएं। यह बयान चुनाव के बिल्कुल नजदीक आते ही दिया गया है। खास बात यह है कि सामान्य मामले में फैसला करते हुए अतिरिक्त सुझाव दे दिया है।

ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है, इससे पहले भी वह दूसरे मामलों की सुनवाई के बाद आदेश के दौरान अतिरिक्त चिंता को जाहिर करते हुए गंभीर मुद्दों पर सुझाव देते रहे हैं।

जस्टिस शेखर कुमार यादव के 4 सुझाव…

1. टाला जाए यूपी विधानसभा चुनाव
जमानत याचिका में अपने 23 दिसंबर के आदेश के दौरान कोविड का खतरा बताते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि चुनाव आयोग और भारत सरकार को राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने और यूपी विधानसभा चुनाव स्थगित करने पर विचार करना चाहिए।

2. गोरक्षा”हिंदुओं का मौलिक अधिकार
1 सितंबर को, शेखर कुमार यादव ने कह दिया था कि वैज्ञानिकों का मानना है कि गाय ही एकमात्र जानवर है जो ऑक्सीजन छोड़ती है। उन्होंने संसद से गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने और गोरक्षा को “हिंदुओं का मौलिक अधिकार” घोषित करने का भी आह्वान किया था।

3. हर नागरिक के दिल में निवास करते हैं भगवान राम
अक्टूबर में, जस्टिस यादव ने एक फैसले में एक और विवादित सुझाव दिया था। सरकार से राम, कृष्ण, रामायण, गीता, महर्षि वाल्मीकि और वेद व्यास को राष्ट्रीय सम्मान और विरासत का दर्जा देने के लिए एक कानून लाने पर विचार करने के लिए कहा था। यह भी कहा था कि भगवान राम हर नागरिक के दिल में निवास करते हैं और भारत उनके बिना अधूरा है। वह देवताओं की अश्लील तस्वीरें बनाने के आरोपी को जमानत पर फैसला दे रहे थे। उनका सुझाव यह भी था कि भारत की सांस्कृतिक विरासत पर बच्चों के लिए स्कूलों में अनिवार्य पाठ होने चाहिए।

4. …..तो देश कमजोर हो जाता है
अंतर-धार्मिक विवाह पर उनकी टिप्पणी सुर्खियां बन गईं थीं। दअसल, इसी साल जून में वह धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उस पर एक लड़की के अपहरण और जबरन मुस्लिम धर्म कुबूल कराने का आरोप था। जज ने कहा था कि अगर बहुसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति अपमान के बाद अपने धर्म से धर्मांतरण करता है, तो देश कमजोर हो जाता है। अकबर और जोधाबाई को अंतरधार्मिक विवाह के अच्छे उदाहरण के रूप में बताया था।

जानें, जस्टिस शेखर कुमार यादव के बारे में

  • वर्तमान में शेखर कुमार यादव इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश हैं।
  • 57 साल के न्यायाधीश को दिसंबर 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
  • मार्च 2021 में उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
  • अपनी पदोन्नति से पहले उत्तर प्रदेश राज्य के लिए स्थायी वकील रहे।
  • भारत संघ के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील रहे।
  • यूपी की अदालतों में रेलवे के लिए स्थायी वकील का पद संभाला था।