(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में भले ही गैरकानूनी धर्म परिवर्तन को लेकर कानून लागू हो गया है. लेकिन इसके मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. 2020 में कानून लागू होने के बाद से 31 जुलाई 2024 तक राज्य में इस अपराध के 835 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 1682 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सबसे अधिक कार्रवाई गाजियाबाद कमिश्नरेट, अंबेडकरनगर, भदोही, सहारनपुर और शाहजहांपुर में सबसे अधिक कार्रवाई की गई है. वहीं इन मामलों को लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अवैध धर्मांतरण से संबंधित सभी मामलों की जांच की निगरानी कर रहे हैं. बता दें कि साल 2020 में उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम लागू हुआ था.
17 मामलों की चल रही जांच
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “पुलिस अधिकारियों को सबूतों के आधार पर कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है. प्रलोभन देने और धर्मांतरण के लिए अवैध साधन अपनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमने अब तक लगभग 98 फीसदी मामलों में आरोप पत्र दायर किया है, जो लगभग 818 मामले हैं. जबकि 17 मामलों की अभी भी जांच चल रही है.”
835 मामलों में 2700 से अधिक लोग थे नामित
कुमार ने कहा कि कुल मिलाकर, 835 मामलों में 2,708 लोगों को नामित किया गया था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों की भूमिका नहीं पाई गई, उनमें से 124 को छोड़ दिया गया. अधिकारी ने कहा, “मामलों में नामित 70 अन्य लोगों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है.” डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को पुलिस द्वारा परेशान न किया जाए. जिन सभी मामलों में उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध के आरोप लगाए गए हैं, उनकी निगरानी मुख्यालय स्तर पर की जा रही हैय.” एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अब तक चार मामलों में सजा हो चुकी है.
एक शख्स को मिली 5 साल की सजा
अधिकारी ने कहा, ‘कई मामलों की सुनवाई चल रही है और हम ऐसे मामलों की सख्ती से निगरानी कर रहे हैं.’ इनमें से एक मामले में, पुलिस ने सीतापुर निवासी जुबराइल की संपत्तियों को भी कुर्क किया था, जिस पर पिछले साल दिसंबर में कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोपी, जिसे घोषित अपराधी घोषित किया गया था, तब से फरार है. उधर, अमरोहा में एक अफजल नाम के शख्स को पांच साल की सजा और 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.
पत्नी ने दर्ज कराया था लव जिहाद का केस
एक अन्य मामले के बारे में बात करते हुए, लखनऊ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक मुस्लिम महिला, जो लखनऊ की रहने वाली थी, उसने अपने पति अशरफ, जो कर्नाटक में एक धर्मस्थल के प्रमुख भी हैं, पर आरोप लगाते हुए इंदिरानगर पुलिस स्टेशन में 6 जुलाई को धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत लव जिहाद अभियान के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अधिकारी ने कहा कि मामला बेंगलुरु स्थानांतरित कर दिया गया था. हाल ही में ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें ब्राजील के पर्यटकों के साथ सीतापुर घूमने आए एक जोड़े पर कथित तौर पर लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए मजबूर करने के आरोप में कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.