गांधी- राखी से तुलना पर यूपी कांग्रेस आग बबूला;विधानसभा अध्यक्ष नेदी सफाई

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(www.arya-tv.com) उन्नाव में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने महात्मा गांधी व राखी सावंत के दिए बयान पर बढ़ते विवाद पर सफाई दी हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि,कुछ किताबें लिखने से कोई लेखक नहीं हो जाता, बापू कम कपड़े पहनते थे देश उन्हें बापू कहता है। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डिजिटल मीडिया संयोजक/प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करना बीजेपी और आरएसएस का संस्कार गांधी के प्रति प्रेम मात्र दिखावा बताया है। विधानसभा सभा को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी सफाई

“सोशल मीडिया पर कुछ मित्र मेरे भाषण के एक वीडियो अंश को अन्यथा अर्थों के संकेत के साथ प्रसारित कर रहे हैं। वास्तव में यह उन्नाव के प्रबुद्ध सम्मेलन में मेरे भाषण का अंश है। जिसमें सम्मेलन संचालक ने मेरा परिचय देते हुए मुझे प्रबुद्ध लेखक बताया था। मैंने इसी बिंदु से बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि कुछ पुस्तकों और लेखों के लिखने से ही कोई प्रबुद्ध नहीं हो जाता। महात्मा गांधी कम कपड़े पहनते थे। देश ने उन्हें ‘बापू’ कहा। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं राखी सावंत भी गांधी जी हो जाएंगी। मित्रगण मेरे भाषण को वास्तविक संदर्भ में ही ग्रहण करने की कृपा करें। धन्यवाद”

कांग्रेस ने कहा-महात्मा गांधी के प्रति आरएसएस-भाजपा की शुरू से ही जहरीली सोच रही
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि, पुनः एक बार भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपमानित करने का काम किया है। हृदय नारायण दीक्षित का महात्मा गांधी और राखी सावंत की तुलना करना और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई भी पश्चाताप की टिप्पणी ना यह दर्शाता है। भाजपा और RSS गांधी जी के प्रति किस हद तक घृणा करते हैं। कभी प्रधानमंत्री के द्वारा मोहनलाल करमचंद गांधी बताना कभी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा चतुर बनिया बनिया बताया जाना , गांधी जी के हत्यारों को पूजना यह दर्शाता है। गांधी जी और उनके विचारों शांति प्रेम और अहिंसा के प्रति BJP – RSS कितनी जहरीली सोच रखते हैं। गांधी इस देश की आत्मा हैं, आरएसएस चाहे जितना जहर फैलाने की कोशिश कर ले वह कभी इस देश में शांति प्रेम और अहिंसा समाप्त नहीं कर सकते चाहे। जितना सावरकर की पूजा कर ले लेकिन सावरकर इस देश के लिए कभी वीर नहीं हो सकते वह सिर्फ और सिर्फ माफी वीर ही रहेंगे।