(www.arya-tv.com)यूपी बोर्ड (UP Board) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बाद अब रिजल्ट की तैयारी शुरू गई है। 56 लाख स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन का फॉर्मूला ढूंढ निकाला गया है। यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ से सहमति लेकर शिक्षा मंत्री डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने रविवार को तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए ब्योरा जारी किया। डिप्टी सीएम कार्यालय की तरफ से जारी बयान में यह भी दावा किया कि यूपी बोर्ड की मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट है।
यह होगा फार्मूला –
- 12वीं के लिए मार्किंग
- 10वीं (हाईस्कूल)- 50% अंक (औसत निकलने के लिए -10 के सभी विषयों के टोटल स्कोर को टोटल विषयों की संख्या मतलब 6 से भाग देकर निकाला जाएं)
- 11वीं – एनुअल और हाफ ईयरली एग्जाम के 40%,
- 12वीं – प्री-बोर्ड 10% अंक जोड़कर फाइनल इवैल्यूएशन तैयार होगा।
एग्जांपल से समझें
10वीं के एनुअल एग्जाम में किसी स्टूडेंट ने 600 में से 300 अंक प्राप्त किए हैं। उसका औसत अंक 300/6= 50 होगा। इसमें से 50 प्रतिशत के अनुसार उसे 25 अंक देय होगा। वहीं, 11वीं में किसी विषय विशेष में उसे 100 अंक में से 60 अंक मिले हैं, तब उसका 40 प्रतिशत 24 अंक होगा। इसी प्रकार 12वीं के प्री-बोर्ड परीक्षा में उस विषय में उसे 50 अंक मिले हैं, तब उसका 10 प्रतिशत 5 अंक होगा। इस प्रकार उसके कुल अंक 25+24+5=54 अंक होंगे।
10वीं के लिए मार्किंग
- क्लास 9 से – 50%,
- क्लास 10 के प्री-बोर्ड से – 50%
- बता दें, हाईस्कूल परीक्षा में 70 अंको की लिखित व 30 अंको की इंटर्नल मूल्यांकन परीक्षा टोटल 100 अंको की परीक्षा संपादित होती है।
एग्जांपल से समझें
अगर किसी स्टूडेंट्स ने 9वीं के एनुअल एग्जाम में 70 अंको में से 60 अंक पाए हैं। तब फॉर्मूले के अनुसार, उसके 30 अंक लिए जाएंगे। 10वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम में 70 अंको में से 40 अंक पाए हैं, तब फॉर्मूले अनुसार उसके 20 अंक लिए जाएंगे। इंटर्नल एग्जाम में यदि उसने 30 अंक में से 28 अंक पाएं हैं, इस प्रकार कुल योग 30+20+28= 78 हुआ।
यूपी बोर्ड एग्जाम साल 2021 में कुल 56,04,628 स्टूडेंट्स
हाईस्कूल परीक्षा में – 29,94,312 स्टूडेंट्स,
- रेगुलर – 29,74,487 (99.34 प्रतिशत)
- प्राइवेट – 19,825 (0.66 प्रतिशत)
इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 26,10,316 स्टूडेंट्स
- रेगुलर – 25,17,658 (96.45 प्रतिशत)
- प्राइवेट – 92,658 (3.55 प्रतिशत)
यूपी बोर्ड परीक्षा के फॉर्मूले का सार –
- इंटरमीडिएट के लिए 10वीं के 50% + 11वीं हाफ ईयरली एग्जाम 40% + 12वीं के प्री-बोर्ड 10%,
- हाईस्कूल के लिए 9वीं के 50% + 10वीं के प्री-बोर्ड 50%
यह है विशेष प्रावधान –
- यदि स्टूडेंट्स 12वीं के प्रैक्टिकल एग्जाम या कक्षा-10 के इंटरनल असेसमेंट का हिस्सा नहीं रहा है या उसके मार्क्स उपलब्ध नहीं हैं, तो ऐसी दशा में स्टूडेंट को लिखित परीक्षा के फॉर्मूले से मिले मार्क्स के आधार पर प्रैक्टिकल मार्क्स प्रदान किए जाएंगे।
- यदि इंटर मीडिएट के किसी भी स्टूडेंट्स (रेगुलर/प्राइवेट) के कक्षा-11 की दोनों परीक्षाओं (एनुअल या हाफ ईयरली) या कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा व हाईस्कूल के किसी स्टूडेंट्स (रेगुलर/प्राइवेट) के कक्षा-9 की एनुअल परीक्षा या कक्षा-10 की प्री-बोर्ड एग्जाम के मार्क्स नहीं हैं, तो उन्हें बिना मार्क्स के प्रोमोट किया जाएगा।
- किसी स्टूडेंट को एनुअल या हाफ ईयरली या प्री-बोर्ड एग्जाम के 03 विषयों में मार्क्स नहीं मिले हैं, बाकी विषयों के मार्क्स का औसत उन तीन विषयों में मार्क्स दिया जाएगा।
- लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक नहीं मिलने पर इंटरनल असेसमेंट (इंटरनल मूल्यांकन या प्रैक्टिकल परीक्षा) में पास होने के लिए स्टूडेंट को बिना अंक के सामान्य प्रोन्नति प्रदान की जाएगी,
- प्रैक्टिकल के विषयों में कक्षा 9/10/11/12 के उपलब्ध अंकों को बोर्ड की लिखित परीक्षा के निर्धारित अंकों पर स्केल करके इंटरनल असेसमेंट(इंटरनल मूल्यांकन या प्रैक्टिकल परीक्षा) के अंक से जोड़ा जाएगा।
- यदि कोई छात्र पहले अन्य बोर्ड का परीक्षार्थी रहा है, तो उसके मार्क्स को यूपी बोर्ड के सापेक्ष स्केल पर मार्किंग करके लिए जाएंगे।
- साल 2021 की परीक्षा में पास हुए स्टूडेंट्स की मेरिट सूची नहीं तैयार करायी जाएगी।
- साल 2021 के सभी रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स जो इम्प्रूवमेंट या अंक सुधार के लिए पुनः परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिए बगैर, अंक सुधार के लिए एक या एक से अधिक विषयो में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। उनका रिजल्ट साल 2021 का ही माना जाएगा।
ऐसे निकाला फॉर्मूला –
- माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अगुवाई में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। शासन, निदेशालय, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के एक्सपर्ट के अलावा चुनिंदा प्रधानाचार्य भी शामिल रहे।
- उच्च स्तरीय समिति ने सभी स्टेकहोल्डर्स यानी शिक्षकों, शिक्षकजन- प्रतिनिधियों, प्रधानाचार्य, परिषद व शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों, शिक्षक अभिभावक संघ से जुड़े लोगों समेत मण्डलीय व जनपद स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के साथ फॉर्मूले को लेकर मंथन किया गया।