(www.arya-tv.com)ऑलइंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बयान के बाद उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों के एनकाउंटर को लेकर सियासत जारी है। BJP नेता ओवैसी पर मजहबी राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं बुधवार को योगी सरकार ने चार सालों में हुए एनकाउंटर का आंकड़ा जारी किया। हालांकि ओवैसी ने जो 37 फीसदी मुस्लिमों को एनकाउंटर में मारने की बात कही थी, वह सच साबित हुई है। साल 2017 से लेकर अब तक 135 अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया। इनमें से 51 मुस्लिम अपराधी हैं, जो कुल मृतकों का 37 फीसदी है।
हालांकि योगी सरकार के जारी आंकड़ों पर भी सियासत शुरू हो गई है।
13 ब्राह्मण और 9 यादव जाति के अपराधी भी हुए ढेर
बीते चार सालों में मुस्लिम अपराधियों के बाद सबसे ज्यादा ब्राह्मण जाति के अपराधी एनकाउंटर में ढेर हुए हैं। अब तक 13 ब्राह्मण, 9 यादव और बाकी अन्य अपराधियों में ठाकुर, वैश्य, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जनजाति से तालुक रखने वाले अपराधी थे।
इतने अपराधी हुए ढेर
वर्ष | मौत की संख्या |
2021 | 06 |
2020 | 26 |
2019 | 34 |
2018 | 41 |
2017 | 28 |
पहली एनकाउंटर सितंबर 2017 में मंसूर पहलवान का हुआ था
उत्तर प्रदेश में BJP की सरकार बनने के बाद पहला एनकाउंटर 27 सितंबर 2017 को मंसूर पहलवान का पुलिस ने किया था। वह सहारनपुर का रहने वाला था। मंसूर 50 हजार रुपए का इनाम था। दूसरी तरफ यूपी पुलिस का अभी तक का आखिरी एनकाउंटर इसी साल 2021 में मोती नाम के बदमाश का है। उत्तर प्रदेश के कासगंज में मुठभेड़ में मारे गए मोती पर एक लाख रुपए का इनाम था।
इनाम राशि के अनुसार एनकाउंटर में ढेर अपराधियों का आंकड़ा
05 लाख के इनामी | 01 |
2.5 लाख के इनामी | 03 |
02 लाख के इनामी | 02 |
1.5 लाख के इनामी | 03 |
01 लाख के इनामी | 18 |
75 हजार के इनामी | 01 |
62 हजार के इनामी | 01 |
50 हजार के इनामी | 46 |
25 हजार के इनामी | 20 |
15 हजार के इनामी | 11 |
12 हजार के इनामी | 04 |
05 हजार के इनामी | 01 |
जाति-धर्म के नाम पर हो रहा फेक एनकाउंटर: कांग्रेस
कांग्रेस के प्रवक्ता उमा शंकर पांडेय ने कहा कि ओवैसी भारतीय जनता पार्टी को मदद करने के लिए जो भी इलेक्शन गोई राज्य हैं वहां पहुंचते हैं। वहां भाजपा और ओवैसी धार्मिक ध्रुवीकरण का खेल दोनों लोग करते हैं। इसके लिए पर्दे के पीछे स्क्रिप्ट लिखते हैं और सामने से उसका अभिनय करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में तमाम तरीके के फेक एनकाउंटर जाति और धर्म के नाम पर किया जा रहा। तमाम सारे ब्राह्मण लोगों की हत्याएं हुई हैं, जिसको एनकाउंटर का नाम लेते हैं। मुस्लिमों के फेक एनकाउंटर हुए हैं। कई सारे मामले कोर्ट में चले उनके परिवार वालों याचिका दाखिल कर रखी है। उसकी निष्पक्षता के साथ जांच हो जाए ये फेक काउंटर साबित हो जाए।
प्रवक्ता उमाशंकर ने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक हो जाता है कि अभी भी तमाम अपराधी उत्तर प्रदेश में है जो भारतीय जनता पार्टी की शरण में है संरक्षण में है, उनके खिलाफ योगी सरकार गोद नीति लेकर चलती है। अपराधी सिर्फ अपराधी होता है ना कोई उसकी जाति होता है ना कोई धर्म होता है। जो भी अपराधी है उसको संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। उस पर संविधान और कानून के दायरे में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, उसकी जाति धर्म नहीं देखी जाती है। अपराधी अगर भाजपा की शरण में है तो योगी सरकार उसको पालती-पोसती है। ऐसे में योगी सरकार को गोद नीति का खेल खत्म करना चाहिए।
बलरामपुर में ओवैसी ने दिया था बयान
बीते रविवार को बलरामपुर में आयोजित एक जनसभा में ओवैसी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में जब से BJP की सरकार बनी है, तब से अब तक 6,475 एनकाउंटर हुए हैं। इसमें मरने वालों की तादाद में 37% मुसलमान शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का प्रतिशत 18 या 19% ही है। ओवैसी ने सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर यह जुल्म क्यों हो रहा है? देश के सबसे बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री कहता है कि ठोक दो। क्या उत्तर प्रदेश की हुकूमत संविधान के तहत काम कर रही है? क्या उत्तर प्रदेश में रूल आफ लॉ है या रूल आफ गन इसका फैसला यकीनन उत्तर प्रदेश की जनता करेगी।
कांग्रेस के प्रवक्ता उमाशंकर पांडेय ने कहा कि ओवैसी-भाजपा पर्दे के पीछे स्क्रिप्ट लिखकर सामने आकर अभिनय करते हैं। CM योगी को ‘ठोक दो’ नीति और चहेते अपराधियों को ‘गोद लेने नीति’ का भेद खत्म करना चाहिए।