- सर्वत्र की ग्रामीण भारत में कैश डिलीवरी
- सर्वत्र टेक्नोलॉजीज ने ग्रामीण भारत में प्रदान की घरों पर कैश डिलीवरी की सुविधा
- आधार के माध्यम से निकासी में 353 प्रतिशत की वृद्धि
(www.arya-tv.com)कोविड- 19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान सर्वत्र टेक्नोलॉजीज के बहुउपयोगी पीएस साॅल्यूशन (प्लेटफाॅर्म एज ए सर्विस) पूरे देश में, विशेषकर ग्रामीण भारत में निर्बाध बैंकिंग को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। सर्वत्र 600 से अधिक बैंकों के लिए विभिन्न भुगतान प्लेटफार्मों पर नकदी निकासी, नकद जमा, धन हस्तांतरण, आदि जैसे निर्बाध सेवाओं को सुनिश्चित करने का दायित्व पूरी तरह से निभा रहा है। इनमें छोटे सहकारी बैंकों से लेकर एससीबी और डीसीसीबी तक शामिल हैं, जो 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। इनमें आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे बड़े बैंकों के अलावा नई पीढ़ी के स्माॅल फाइनेंस बैंक जैसे इक्विटास, जना और कैपिटल भी शामिल हैं। ग्रामीण भारत में आज भी पर्याप्त बैंकिंग बुनियादी सुविधाओं की कमी है और साथ ही इन इलाकों मेंएटीएम और पीओएस मशीनों की भी बेहद कमी है।
सर्वत्र से पहले छोटे सहकारी बैंकों के लिए अपने स्वयं के विश्व-स्तरीय डेटा सेंटर और भुगतान बुनियादी ढांचे को स्थापित करना मुश्किल था, क्योंकि इन सुविधाओं पर बहुत अधिक धनराशि खर्च करनी होती है। ऐसी सूरत में अपने पीएएस मॉडल के साथ, सर्वत्र नवीनतम भुगतान प्लेटफार्मों (डेबिट कार्ड, एटीएम, पीओएस, ई-कॉम, एईपीएस, बीबीपीएस, आईएमपीएस, यूपीआई, आदि) और डिजिटल भुगतान सेवाओं और ऐप्स की सुविधा प्रदान कर रहा है, जिन्हें तुरंत चालू करते हुए इनका उपयोग किया जा सकता है। छोटे ग्रामीण बैंकों सहित देश में सभी प्रकार के बैंक इन सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो अन्यथा इनका खर्च वहन नहीं कर सकते थे। इस तरह डिजिटलीकरण के हर पहलू का इस्तेमाल करते हुए ये छोटे बैंक भारतीय वित्तीय सिस्टम में शामिल हो गए हैं, जो कुल मिलाकर वित्तीय समावेशन के एजेंडे को ही आगे बढ़ाते हैं। इसलिए सर्वत्र ने छोटे ग्रामीण बैंकों को एक बड़े बैंक के रूप में समान सेवाएं प्रदान करने के लिए सशक्त बनाकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल फासले को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वर्तमान संदर्भ में कोरोनवायरस (कोविड- 19) का प्रकोप दुनिया भर में उपभोक्ताओं, व्यवसायों और समुदायों के लिए व्यापक चिंता और आर्थिक कठिनाइयों का कारण बना हुआ है। व्यापक प्रभावों के साथ स्थिति तेजी से बदल रही है और भारतीय बैंकिंग प्रणाली इसका कोई अपवाद नहीं है। वर्तमान दौर में जबकि प्रमुख बैंक देश भर में अपनी अधिकांश शाखाओं को बंद करने पर विचार कर रहे हैं, ऐसे में भारत जैसे नकदी-प्रधान देश में निर्बाध बैंकिंग एक बहुत बड़ा विषय बन जाता है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सर्वत्र अपनी पीएएएस सेवाएं प्रदान करता है, वहां लॉकडाउन के बीच भी बैंकिंग संबंधी कामकाज अप्रभावित रहा है। सर्वत्र की मदद से, ग्रामीण बैंकिंग उद्योग लाॅजिस्टिक संबंधी ऐसी कई चुनौतियों को पार करने में सक्षम हो गया है, जो इस संकट के दौरान निर्बाध वित्तीय सेवाओं को बाधित कर सकती थीं।
इस प्रकार, सर्वत्र की डिजिटल भुगतान सेवाओं ने देश में बैंकिग सुविधाओं से वंचित आबादी की कठिनाइयों को कम करने में काफी मदद की है। साथ ही, सर्वत्र ने यह भी सुनिश्चित किया कि महामारी को देखते हुए ग्राहक अपने घरों पर ही आराम से लेन-देन करते समय पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। माइक्रो एटीएम और मोबाइल एटीएम वैन से लैस, सहकारी बैंक जो सर्वत्र के ग्राहक हैं, ग्राहकों के घरों पर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और इस तरह वे देश के अंदरूनी इलाकों और पर्वतीय क्षेत्रों सहित पूरे भारत के अंदरूनी क्षेत्रों में गांवों और छोटे शहरों तक पहुंच बना रहे हैं। ये सहकारी बैंक पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक- देश की ग्रामीण आबादी को आवश्यक नकदी और अन्य बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। लोगों के घरों तक पहुंची इन सेवाओं में छोटे गांवों और कस्बों में नकदी निकासी और जमा, फंड ट्रांसफर आदि शामिल हैं, जहां एटीएम और नियमित बैंकिंग बुनियादी ढांचे उपलब्ध नहीं हैं या लॉकडाउन के कारण जिन तक पहुंचना बेहद मुश्किल हैं। हर लेनदेन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ लोगों के हाथों और बैंक की डिवाइसेज के सैनिटाइजेशन का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।