(www.arya-tv.com) गृहमंत्रालय ने कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के अंतिम सत्र की परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद यूजीसी ने सोमवार को आपात बैठक कर फैसला किया कि विवि एवं संस्थानों को सितंबर आखिर तक परीक्षाएं करनी होगी।
यूजीसी की आपात बैठक में फैसला लिया गया है कि अगर कोई विश्वविद्यालय जुलाई में परीक्षा आयोजित करना चाहे तो ऑनलाइन कर सकता है। क्योंकि 31 जुलाई तक लॉकडाउन है जो शिक्षण संस्थानों पर लागू होता है। अगस्त और सितंबर के हालात यदि ठीक रहे तो विवि अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन, ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से परीक्षाएं करा सकेंगे। यूजीसी ने कहा है कि जो स्टूडेंट्स फाइनल ईयर में नहीं हैं, उनके लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटी अपने तरीके से एकेडमिक सेशन बंद कर सकती हैं।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद यूजीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया है। कुहाड ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा कि देश ही नहीं विदेश के भी कई स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों ने बड़ी संख्या में मुझे अपनी करियर के अवसरों और भविष्य के उन्नति को लेकर चिंता जाहिर की। इसलिए सभी बातों को ध्यान में रखते हुए समिति ने सुझाव दिया है कि अंतिम टर्म की परीक्षाएं ऑफलाइन या ऑनलाइन या दोनों तरीकों से होनी चाहिए।
गृह मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षा सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतिम सत्र की परीक्षा आयोजित की जाए। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।
यूजीसी वाइज चैयरपर्सन भूषण पटवर्धन ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा कि आयोग जहां स्टूडेंट्स की हेल्थ और सेफ्टी के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं उनके लिए समान अवसर पर भी फोकस कर रहा है।
यूजीसी ने अपने बयान में कहा है कि एकेडमिक मूल्यांकन एजुकेशन सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण माइलस्टोन है। परीक्षा में पर्फोर्मेंस एक तरफ स्टूडेंट्स को आत्मविश्वास और संतुष्टि देता है।
आपको बता दें कि कोरोना वायकस महामारी के कारण कॉलेज और यूनिवर्सिटी 16 मार्च से बंद है। वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई यूनिवर्सिटीज ने परीक्षा कराने की कोशिश की, लेकिन स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों ने इसका विरोध किया। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन टेस्ट के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी का मुद्दा उठाया।
अपना नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि अब फाइनल ईयर की परीक्षाएं अनिवार्य हैं। लेकिन यूजीसी ने दूसरे सेमेस्टर और एकेडमिक ईयर को अपने हिसाब से समाप्त करने की अनुमति दी है। पहले एकेडमिक सेशन अगस्त और सितंबर से शुरू करने की योजना थी, लेकिन अब यह आगे खिसक सकता है।