पाकिस्तान सरकार ने 30 रुपए प्रति लीटर महंगे किए पेट्रोल-डीजल; इमरान की नई धमकी

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(www.arya-tv.com) पाकिस्तान के सामने दोहरी मुश्किल खड़ी हो गई है। पहली- इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने सात दिन चली बातचीत के बाद पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का कर्ज देने पर हामी नहीं भरी। इसके बाद सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम 30 रुपए (पाकिस्तान करंसी में) प्रति लीटर बढ़ा दिए। वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा- सरकार के पास फ्यूल के रेट बढ़ाने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं था। हम अब भी प्रति लीटर 56 रुपए की सब्सिडी दे रहे हैं।

दूसरी- इमरान खान ने शाहबाज शरीफ सरकार को 6 दिन में चुनाव की तारीखों को ऐलान करने का वक्त दिया है। उन्होंने धमकी दी है कि ऐसा न होने पर वो इस्लामाबाद और पूरे देश में मार्च निकालेंगे और धरना देंगे। अगर इसमें हिंसा हुई तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

पाकिस्तान में फ्यूल के नए रेट
पेट्रोल : 179.85
डीजल : 174.15
केरोसिन : 155.95
लाइट डीजल : 148.41
(नोट : कीमतें पाकिस्तानी रुपए में प्रति लीटर के हिसाब से हैं। भारत का एक रुपए पाकिस्तान के 2.61 रुपए के बराबर है। एक डॉलर का मूल्य पाकिस्तान के 202 रुपए के बराबर है)

IMF से बातचीत बेनतीजा
इमरान खान की सरकार गिरने के बाद IMF ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 8 अरब डॉलर के कर्ज की तीसरी किश्त रोक दी थी। दो किश्तों के तौर पर पाकिस्तान को करीब 2 अरब डॉलर मिल चुके थे, लेकिन ये तो इमरान के दौर में ही खर्च हो गए थे।

इसके बाद शाहबाज सरकार के फाइनेंस मिनिस्टर मिफ्ताह इस्माइल 12 लोगों की टीम लेकर IMF के दोहा ऑफिस पहुंचे। 18 से 25 मई तक यानी 7 दिन बातचीत चलती रही। इस्माइल चाहते थे कि IMF किसी तरह दो महीने के लिए लोन की तीसरी किश्त जारी कर दे। कुल मिलाकर इकोनॉमी चलाने के लिए 2 अरब डॉलर चाहिए थे।

IMF ने कर्ज क्यों नहीं दिया
इमरान को जब लगा कि सरकार जाने वाली है तो उन्होंने अगली सरकार के लिए जाल बिछा दिया। IMF उस वक्त कह रहा था कि पेट्रोल और डीजल प्रति लीटर 25 रुपए महंगा करो। इमरान ने महंगा करने की बजाए इसे 10 रुपए प्रति लीटर सस्ता कर दिया। बिजली 12 रुपए प्रति यूनिट महंगा करने को कहा गया था। इमरान ने ये भी नहीं किया।

अब IMF कह रहा है कि पेट्रोल-डीजल कम से कम 35 रुपए प्रति लीटर महंगा करो। बिजली के रेट्स भी बढ़ाओ। इसके बाद गुरुवार देर रात शाहबाज सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम 30 रुपए प्रति लीटर बढ़ाकर मुल्क को तगड़ा झटका दिया।

इसके पहले सरकार को लग रहा था कि अगर उन्होंने फ्यूल महंगा किया तो अगले साल होने वाले चुनाव में जनता उनका बुरा हाल कर देगी। लिहाजा, वो IMF से गुहार लगा रही थी कि उन्हें दिसंबर तक का वक्त दिया जाए, ताकि वो कर्ज लेकर बाकी चीजें दुरुस्त कर सकें और इसके जरिए सियासत भी साध सकें। IMF इसके लिए तैयार नहीं था। पाकिस्तान के फॉरेन रिजर्व महज 12 अरब डॉलर हैं। इसमें से 9.5 अरब डॉलर तो सऊदी अरब, चीन और UAE के फॉरेन डिपॉिजट हैं। सरकार इन्हें खर्च नहीं कर सकती।