दिवंगत मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है. इससे पहले गाजीपुर के एडीजे प्रथम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उमर अंसारी के खिलाफ 3 अगस्त 2025 को मोहम्मदाबाद थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
शिकायत थाना अध्यक्ष मोहम्मदाबाद ने दर्ज कराई थी. आरोप है कि उमर अंसारी ने पिता मुख्तार अंसारी की जब्त प्रॉपर्टी मुक्त कराने के लिए मां आफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर से वकालतनामा दाखिल किया.
बता दें कि गैंगस्टर एक्ट में दर्ज मुकदमे के तहत शहर कोतवाली के देवड़ी बल्लभ दास इलाके की संपत्ति कुछ साल पहले कुर्क की गई थी. वहीं, उमर अंसारी की मां आफशां अंसारी इस समय फरार हैं और उन पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है.
उमर अंसारी को पहले गाजीपुर जेल भेजा गया था, जिसके बाद उन्हें कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया. अब उनकी जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है.
बदली गई उमर की जेल
बता दें उमर अंसारी की जेल बदली गई है. उमर अंसारी को अब कासगंज जेल में रखा जाएगा. गिरफ्तारी के बाद से उमर गाजीपुर की जेल में बंद था, जिसे वहां से शिफ्ट किया गया है. 25 अगस्त गाजीपुर जेल से शनिवार सुबह 5 बजे पुलिस की टीम उमर को लेकर कासगंज के लिए रवाना हुई. उमर अंसारी को उस समय कासगंज शिफ्ट किया गया है, जब दो दिन पहले ही उसके भाई अब्बास के खिलाफ दोषसिद्धि के फैसले को हाईकोर्ट ने रद्द किया. 20 अगस्त को अब्बास अंसारी को बड़ी राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में मऊ कोर्ट के दोषसिद्धि के फैसले को पलटा.