(Arya News Lucknow)Vivek Sahu:
अल्ट्रासाउंड कई बिमारियो को जानने के लिए उपयोग किया जाता है “गर्भावस्था , जांच, वक्षस्थल अंडकोष ,श्रोणि इत्यादि” परंतु जैसे- जैसे बीमारिया बढ़ रही है वैसे ही बीमारियों की जांच करने वाली मशीनों में भी बदलाव हो रहे है अकसर वृद्धावस्था के समय में होने वाली मानसिक बीमारी या डिमेंशिया (डिमेंशिया) में मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह नहीं हो पाता है, जिससे कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। इसकी वजह से सोचने-समझने और याद करने की क्षमता कमजोर हो पड़ जाती है। लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि अल्ट्रासाउंड उपचार से इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है।
तोहोकू यूनिवर्सिटी में किए गए एक शोध के प्रमुख लेखक डॉ. शिमोकावा ने कहा, ‘यह चिकित्सा डिमेंशिया के गंभीर मरीजों को बिना किसी सर्जरी और एनेस्थिसिया के सही कर सकती है, साथ ही इसका कोई नकारात्मक परिणाम भी नहीं है।’ शोधकर्ताओं ने चूहों के मस्तिष्क तक रक्त पहुंचने की प्रक्रिया को रोककर डिमेंशिया जैसी स्थिति उत्पन्न की।
इसके बाद इन चूहों पर दिन में तीन बार 20-20 मिनट के लिए अल्ट्रासाउंड की लो-इंटेंसिटी किरणों का इस्तेमाल किया गया। जिसके बाद तीन महीनों में 11 चूहों को इस समस्या से छुटकारा मिला। निष्कर्ष में सामने आया है कि अल्ट्रासाउंड की किरणें रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं के विकास से संबंधित जीन को सक्रिय करती हैं।