(www.arya-tv.com) इस महीने की 24 तारीख को रूस-यूक्रेन युद्ध के 7 महीने पूरे हो जाएंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की का दावा है कि सितंबर में उनकी सेना रूस के कब्जे से 6 हजार वर्ग किमी जमीन आजाद करा चुकी है। इसमें 3 हजार वर्ग किमी जमीन तो बीते गुरुवार से शनिवार के बीच छुड़ाई गई है। हालांकि, इस दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती।
पूर्वी यूक्रेन में खार्किव के पास भीषण लड़ाई चल रही है। यहां के कई कस्बों और गांवों से रूस के सैनिक भाग चुके हैं। उधर, दक्षिण में खेरसोन में भी यूक्रेन आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। शनिवार को यूक्रेन की सेना ने देश के पूर्वी हिस्से में रूस की सेना के सप्लाई रूट के लिए बेहद अहम कस्बों इजियम और कूपियांस्क पर कब्जा कर लिया।
रूस ने माना- सैनिक पीछे हटे, हमले से पावर सप्लाई बंद
रूस ने माना है कि उसकी सेनाएं यहां से पीछे हटी हैं, ताकि वे पूर्वी यूक्रेन में अपने समर्थक लड़ाकों के कब्जे वाले इलाके में फिर से एकजुट हो सकें। इजियम के बाहरी इलाकों में अब भी लड़ाई चल रही है। डोनबास शहर और कस्बों के आसपास गोलाबारी जारी है।
खनिजों से भरपूर इस इलाके में रूस के सपोर्ट वाले अलगाववादियों ने 2014 में विद्रोह किया था। रूस की सेना ने अपना ध्यान डोनेट्स्क और लुहांस्क रीजन पर लगाया है।
हमलों के जवाब में रविवार रात रूस ने यूक्रेन के पावर ग्रिड पर मिसाइल अटैक कर दिया। इससे देश के बड़े इलाके में पावर सप्लाई रुक गई। अस्पतालों, मेटरनिटी वार्डों, रिहायशी इमारतों की बिजली चली गई। यूक्रेन का दावा किया है कि उसने 11 में से 9 रूसी मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया।
पीछे हटने की पुष्टि हुई तो दूसरे विश्वयुद्ध के बाद रूसी सेना की सबसे बड़ी हार
खार्किव रीजन के एक और शहर बालाक्लिया से भी रूसी सेना पीछे हट गई है। उसने इसे डोनेट्स्क में मोर्चा मजबूत करने की लिए उठाया कदम बताया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन की सेना के जवाबी हमले से रूसी सैनिक संभल नहीं पाए और अपने हथियार और सामान छोड़कर भाग गए।
इन शहरों पर यूक्रेन का दोबारा कब्जा रूस के लिए बड़ा झटका है। इजियम पर कब्जे के लिए तो उसने लंबी लड़ाई लड़ी थी। यदि कूपियांस्क, बालाक्लिया और इजियम से रूसी सेना के भागने की पुष्टि होती है तो ये दूसरे विश्व युद्ध के बाद किसी मोर्चे पर उसकी सबसे बड़ी हार होगी।
यूक्रेन समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कई तस्वीरें और वीडियो पोस्ट हुए हैं, जिनमें यूक्रेन के सैनिक अपने कब्जे में आए नए इलाकों में झंडे फहरा रहे हैं। इनमें पीछे छूट गए या बर्बाद हो चुके रूसी सैन्य वाहन और टैंक दिख रहे हैं।