(www.arya-tv.com)कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा लगायी गयी पाबंदियों को नहीं मानने पर जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गयी है. दंड के प्रावधानों की जरूरतों को देखते हुए इस अध्यादेश के सहारे लागू करने का फैसला किया है. कैबिनेट ने राज्य के नये प्रतीक चिह्न को लागू करने पर भी अपनी सहमति दी.
कैबिनेट ने राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के उल्लंघन के मामले पर विचार किया. साथ ही सरकार द्वारा लगायी गयी पाबंदियों का उल्लंघन करनेवालों को अधिकतम दो साल तक जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का फैसला किया.
दंड का यह प्रावधान झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश जारी होने की तिथि से प्रभावित होगा. इसके तहत भीड़ लगाने, इधर उधर थूकने, मास्क नहीं लगाने और छह फुट की दूरी नहीं रखनेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. दंड का यह नियम सरकार द्वारा समय-समय पर लगायी जानेवाली पाबंदियों पर भी प्रभावी होगा.
निर्वाचित प्रतिनिधियों पर कार्रवाई के नियम में संशोधन को सहमति : कैबिनेट ने नगर स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहले से लागू नियम में संशोधन को सहमति दी है. अब स्थानीय निकायों को चुने गये प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार राज्य सरकार को होगा. सरकार कार्रवाई के मामलों में राज्य निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगेगा. निर्धारित समय सीमा में आयोग द्वारा मंतव्य नहीं दिये जाने की स्थिति में यह माना जायेगा कि संबंधित मामले में आयोग को किसी तरह की आपत्ति नहीं है.