फर्जीवाड़ा: दो फर्मों ने की 45 करोड़ की हेराफेरी… राज्यकर विभाग ने बिजनौर व विभूतिखंड थाने में दर्ज कराई एफआईआर

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फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण कराकर दो फर्मों ने केंद्र और राज्य सरकार को जीएसटी के नाम पर करीब 45 करोड़ रुपये का चूना लगाने की कोशिश की। जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर राज्यकर विभाग ने दोनों फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

राज्यकर विभाग के उपायुक्त अशोक कुमार त्रिपाठी ने 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने वाली फर्म मेसर्स सन इंटरप्राइजेज के खिलाफ बिजनौर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जबकि सहायक आयुक्त गौरव कुमार राजपूत ने 25 करोड़ के फर्जीवाड़े में लिप्त एमएस एचके इम्पैक्स के खिलाफ विभूतिखंड थाने में मामला दर्ज कराया।

गौरव कुमार राजपूत की तहरीर के अनुसार, हसीब खान नामक व्यक्ति ने एमएस एचके इम्पैक्स नाम की फर्जी फर्म बनाकर बिजली बिल और अन्य दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी पंजीकरण कराया। जांच में सामने आया कि फर्म ने नकली इनवॉइस जारी कर लगभग 25 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लिया।

इसी तरह, सन इंटरप्राइजेज ने सुवेंदु गायेन के माध्यम से फर्जी रिटर्न दाखिल कर लगभग 26.74 करोड़ रुपये के लेन-देन दर्शाए और करीब 20 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स क्रेडिट पास ऑन किया। पुलिस ने दोनों फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। राज्यकर विभाग ने दोनों फर्मों के जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिए हैं।