यूपी में टूरिज्म को मिलेगा नया रूप, टैक्सी ड्राइवर सुनाएंगे शहर की रोचक कहानियां

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उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करने की निर्णय लिया है. इसी क्रम में वाराणसी में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ऑटोटैक्सी और बस चालकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गयायह प्रशिक्षण मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट (एमकेआईटीएम) के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा दिया गया.

इस कार्यक्रम में लगभग 310 चालकों ने हिस्सा लियाजिनमें 19 महिला ड्राइवर भी शामिल रहींपर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से पर्यटन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि ऑटोटैक्सी और बस चालक पर्यटकों के लिए सारथी की भूमिका निभाते हैंयह प्रयास ऐतिहासिक नगरी वाराणसी और उसके आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक सुनियोजित पहल है. इस योजना का उद्देश्य पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करना है. पर्यटन विभाग द्वारा जुलाई माह में संत रविदास मंदिरराजघाट में नाविकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था.

टैक्सी और बस चालकों को स्टोरीटेलिंग के बारे में दी जानकारी

कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में चालकों को पर्यटकों के प्रति व्यवहार, स्वच्छता, सुरक्षा और शहर की सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर से संबंधित जानकारी दी गई. यह पहल वाराणसी आने वाले पर्यटकों को सकारात्मक अनुभव दिलाने में मददगार सिद्ध होगी. ऑटोटैक्सी और बस चालकों को स्टोरीटेलिंग (कहानी कहने की कला) के बारे में बताया गया. यात्रा के दौरान चालक कहानियों के माध्यम से पर्यटकों के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने में मदद करेंगे. चालकों को वाराणसी से जुड़ी कहानियों को रोचक ढंग से प्रस्तुत करने का प्रशिक्षण दिया गया.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान चालकों को पर्यटकों के प्रति संवेदनशील व्यवहार के लिए प्रेरित किया गया. उन्हें आपात स्थित से निपटने जैसे- प्राथमिक उपचार और सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की व्यावहारिक जानकारी दी गई, जिससे किसी की जान बचाई जा सके. इसी प्रकार, पर्यटकों से व्यवहार के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों और सुरक्षित ड्राइविंग के उपाय बताए गए.

चालकों को यातायात नियम एवं सड़क सुरक्षा संबंधी नसीहत भी दी गई. चालकों को डिजिटल लेन-देन और धोखाधड़ी से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई. कैशलेस ट्रांजेक्शन के दौर में यूपीआई एवं ऑनलाइन भुगतान सुरक्षा सर्वोपरि है. प्रशिक्षण के दौरान वाराणसी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी, सामान्य पर्यटन संवेदनशीलता और व्यक्तित्व विकास संबंधी जानकारी भी दी गई.

वाराणसी और उसके आसपास के जिलों में बढ़ी पर्यटकों की संख्या

जानकारी के अनुसार वाराणसी और उसके आसपास के जिलों में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है. घरेलू श्रद्धालुओं से लेकर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक, सभी की अपेक्षाएं बढ़ी हैं. विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पर्यटकों की यात्राएं सुरक्षित और यादगार हो. पर्यटक अपने साथ विशेष अनुभव लेकर जाए.